नई दिल्ली: भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विश्व बैंक की तरफ से अच्छी खबर आई है। विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की ग्रोथ रेट अनुमान को 6. 5 फीसदी से बढ़ाकर 6.9 फीसदी कर दिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक लचीली है, विश्व बैंक के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ध्रुव शर्मा ने मंगलवार को वैश्विक वित्तीय निकाय द्वारा देश के लिए अपने FY23 जीडीपी पूर्वानुमान को संशोधित करने के बाद कहा कि भारत ने अन्य उभरते बाजारों की तुलना में ‘बुरा प्रदर्शन’ नहीं किया है और ‘रुपये में इस साल लगभग 10% की गिरावट आई है।’
विश्व बैंक ने भरोसा जताया कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में 6.4 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी। विश्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति 7.1 फीसदी पर रहेगी। शर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा, “भारत 10 साल पहले की तुलना में अब अधिक लचीला है। पिछले 10 वर्षों में उठाए गए सभी कदम भारत को वैश्विक विपरीत दिशा में नेविगेट करने में मदद कर रहे हैं।”
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महंगाई का असर GDP पर पड़ा
शर्मा ने भारत की ऋण स्थिरता के बारे में किसी भी चिंता को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि विश्व बैंक को ऐसी कोई आशंका नहीं थी और कमोडिटी की कीमतों में वैश्विक वृद्धि और मौद्रिक नीतियों को कड़ा करने से प्रभावित देश अपने साथियों की तुलना में बहुत कम प्रभावित हुआ था। बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक समेत दुनिया भर के केंद्रीय बैंक लगातार अपनी ब्याज दरों में इजाफा कर रहे हैं। इसका सीधा असर देश की जीडीपी पर पड़ रहा है। इसके साथ ही चीन में कोरोना लॉकडाउन के कारण पूरी दुनिया के सप्लाई चेन पर बहुत बुरा असर पड़ा है। जिससे पूरी दुनिया में मंदी की आशंका बढ़ गई है।
मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर ने कमजोर प्रदर्शन किया
विश्व बैंक ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है। हालांकि अमेरिका और चीन के बीच घटनाक्रमों का असर भारत पर भी पड़ रहा है। विश्व बैंक ने अनुमान लगाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार का भारतीय इकनॉमी पर काफी कम असर पड़ेगा। मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर धीमी पड़कर 6.3 फीसदी रही। मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर के कमजोर प्रदर्शन से विकास दर सुस्त पड़ी है। हालांकि भारत दुनिया में सबसे तेज ग्रोथ रेट वाली अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
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