Small saving schemes: मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के खतरे को रोकने के लिए, डाक विभाग ने एक नई अधिसूचना जारी की है जिसमें उसने अधिकारियों से छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाली कुछ श्रेणियों के निवेशकों से आय प्रमाण एकत्र करने के लिए कहा है। परिपत्र में कहा गया है, ‘इसके अलावा, वित्तीय खुफिया इकाई – भारत (FIU-IND) और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) के दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय (लघु) बचत योजनाओं के संबंध में डाकघरों में अपनाए जाने वाले एएमएल/सीएफटी मानदंडों पर संशोधित दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया गया है।’
KYC/AMUCFT दिशानिर्देशों का उद्देश्य जानबूझकर या अनजाने में आपराधिक तत्वों द्वारा डाकघर बचत बैंक के उपयोग से मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादी वित्तपोषण गतिविधियों को रोकना है। केवाईसी प्रक्रियाएं डाकघर बचत बैंकों को अपने ग्राहकों को बेहतर ढंग से समझने में सक्षम बनाती हैं जिससे उन्हें अपने जोखिमों को विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधित करने में मदद मिलती है। ऐसे में ग्राहकों को तीन कैटेगरी के तहत रखा गया है।
कौनसी है वो कैटेगरी?
- कम जोखिम
- मध्यम जोखिम
- भारी जोखिम
सभी जोखिम-श्रेणी में आने वाले लोग ध्यान दें
- उन्हें फोटो देना होगा।
- पहचान प्रमाण देना होगा।
उच्च जोखिम वाली श्रेणी
- निधि के स्रोत का प्रमाण देना होगा।