Unsuccess Story Of Byju’s : बायजूस, एक ऐसा नाम जिसे कोचिंग की दुनिया में एक उभरता सितारा माना गया। एक ऐसा संस्थान जिसका विज्ञापन बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान से लेकर फुटबॉल के स्टार खिलाड़ी लियोनेलइ मेसी तक ने किया। एक ऐसी कंपनी जो बहुत कम समय में फर्श से अर्श तक पहुंच गई। फिर ऐसा चक्र घूमा कि इसे अर्श से फर्श तक आने में देर नहीं लगी। कभी इस कंपनी की वैल्यू 1.84 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज लगभग जीरो हो गई है।
इन्वेस्टर ने बट्टे-खाते में डाली हिस्सेदारी
लगातार मुसीबतों का सामना कर रही बायजूस को सोमवार को तगड़ा झटका लगा। इस कंपनी के एक बड़े इन्वेस्टर प्रोसस (Prosus) ने अपनी हिस्सेदारी बट्टे-खाते में डाल दी। इस कंपनी ने करीब 50 करोड़ डॉलर (करीब 4 हजार करोड़ रुपये) निवेश किए थे। प्रोसस ने बायजूस की वैल्यूएशन जीरो मान ली है और अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है। प्रोसस के अलावा इस कंपनी में और भी कई कंपनियों की हिस्सेदारी है। प्रोसस के इस कदम को बायजूस के लिए तगड़ा झटका माना जा रहा है।
🚨 Prosus says the IRR on Byjus is negative 100%. A complete write-off.
Pharmeasy – which had a down round – is also in negative returns territory right now.
---विज्ञापन---ElasticRun, Meesho, PayU India and Eruditus are doing well for Prosus pic.twitter.com/ABUYm9AWqr
— Madhav Chanchani (@madhavchanchani) June 24, 2024
क्या है बायजूस
यह एक एडटेक कंपनी है, जो स्टूडेंट को ऑनलाइन और ऑफलाइन कोचिंग मुहैया कराती है। इसकी शुरुआत 2011 में केरल के रहने वाले बायजू रवीन्द्रन ने की थी। बायजू खुद मैथ्स के टीचर थे। कंपनी की स्थापना के बाद इसने तेजी से गति पकड़ी। कंपनी ने अच्छे टीचर रखे। कंपनी की बेहतर नीतियों और पढ़ाने के तरीके को लेकर यह लोगों के दिल में बसती चली गई। कंपनी ने शुरू में कई ऐसे विज्ञापन किए जिससे काफी स्टूडेंट इसके साथ जुड़ते चले गए।
मिलने लगी फंडिंग
कंपनी को मिल रहे अच्छे रिस्पॉन्स के कारण इसे फंडिंग भी मिलने लगी। साल 2015 तक इससे करोड़ों स्टूडेंट जुड़ चुके थे। इस दौरान कंपनी ने अपनी ऐप में कुछ बदलाव करके बायजूस ऐप लॉन्च की। लॉन्चिंग के 3 महीने में इससे 20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट जुड़ गए थे। साल 2016 में कंपनी को 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग मिली।
जब बन गई 1.84 लाख करोड़ रुपये की कंपनी
बायजूस लगातार ग्रोथ कर रही थी। साल 2018 में यह एक अरब डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपये) की कंपनी बन गई। साल 2020 में यह दुनिया की सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बन गई। इसी साल इसने कोडिंग के लिए मशहूर रही व्हाईटहेड जूनियर को खरीद लिया। अगले साल इसने IIT और मेडिकल की तैयारी कराने वाले संस्थान आकाश एजुकेशन को भी खरीद लिया था। अगले साल यानी 2022 में कंपनी ने रिकॉर्ड बनाया और यह 22 बिलियन डॉलर (1.84 लाख करोड़ रुपये) की कंपनी बन गई।
Troubled edtech giant Byju’s employees at the Incuspaze co-working space in Gurugram were reportedly asked to evacuate the premises on Tuesday due to non-payment of rent, according to The Financial Express report.
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— Indian Startup News (@indstartupnews) November 25, 2023
ऐसे शुरू हुआ पतन
कंपनी के पतन का कारण भी कंपनी की नीतियां ही बनीं। कंपनी पर पढ़ाई को लेकर लापरवाही के आरोप लगे और इसके स्टूडेंट दूर जाने लगे। पिछले साल कंपनी के पास अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के भी पैसे नहीं थे। ऐसे में बायजू रवीन्द्रन ने अपना घर गिरवी रखकर सैलरी दी थी। दरअसल, कंपनी ने अपने विज्ञापन में ढेर सारा पैसा खर्च किया। यही कारण था कि उसकी पूंजी खत्म होती गई। स्थिति यह हो गई थी कि कंपनी गुरुग्राम ऑफिस का किराया नहीं दे पाई जिसके कारण प्रॉपर्टी के मालिक ने कर्मचारियों को बाहर कर दिया और उनके लैपटॉप जब्त कर लिए। कंपनी ने काफी कर्मचारियों को निकाल दिया।
कंपनी डूबने के मुख्य कारण
- बायजूस ने 2019-2020 में कोराेना महामारी के दौरान कॉम्पिटिटर या ऐसी कंपनियों को खरीदा को सफल या असफल थीं।
- इन कंपनियों को चलाने के लिए कंपनी को पैसों की जरूरत पड़ी जिसे पूरा करने के लिए कंपनी ने 1.2 बिलियन डॉलर (करीब 10 हजार करोड़ रुपये) का कर्ज लिया जो कंपनी के लिए घातक सिद्ध हुआ।
- कोरोना खत्म होने के बाद स्टूडेंट वापस क्लासों की तरफ आने लगे जिससे इनके पास स्टूडेंट की संख्या कम हो गई।
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