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लगातार क्यों गिर रहा Stock Market, कब लौटेंगे ‘अच्छे दिन’? यहां मिलेगा हर सवाल का जवाब

Stock Market News: शेयर बाजार के 'अच्छे दिन' कहीं गायब हो गए हैं। यह पूरा सप्ताह बाजार में गिरावट के नाम रहा है। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इस दौरान अधिकांश समय लाल निशान पर कारोबार करते रहे।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Dec 21, 2024 09:55
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Stock Market BSE Sensex NSE Nifty Updates 25 October 2024

Stock Market: शेयर बाजार के लिए यह सप्ताह बुरा सपना साबित हुआ। इस दौरान BSE सेंसेक्स लगातार पांच सत्रों में 4000 अंकों से अधिक लुढ़क गया, जबकि NSE निफ्टी में करीब 1200 अंक की गिरावट आई। यह पिछले ढाई साल में सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। बाजार में लगातार आ रही इस गिरावट से निवेशक डरे हुए हैं। ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि आखिर हमारे बाजार को हुआ क्या है, क्यों यह बार-बार बड़े गोते लगा रहा है?

ये फैक्टर्स रहे दुश्मन

शेयर बाजार के मौजूदा माहौल के लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हैं। इसमें अमेरिकी फेड रिजर्व के अगले साल नीतिगत ब्याज दरों में कंजूसी से कटौती के संकेत, विदेशी निवेशकों का लगातार बिकवाली करना, मुनाफाखोरी और मार्केट के हाई वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं शामिल हैं। इसके अलावा, कॉर्पोरेट अर्निंग ग्रोथ की सुस्ती ने भी बाजार की धारणा को और कमजोर कर दिया है, जिससे तुरंत सुधार की उम्मीदें कम हो गई हैं।

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US फेड के संकेत से निराशा

अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने हाल ही में नीतिगत ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की, यह फैसला उम्मीद के अनुरूप था। लेकिन उसने अगले साल यानी 2025 को लेकर जो संकेत दिए उससे बाजार सहमा हुआ है। फेड रिजर्व अगले साल केवल 2 कटौती कर सकता है, जबकि उम्मीद 4 की है। फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने संकेत दिए हैं कि महंगाई के जोखिम के मद्देनजर 2025 में केवल 2 कटौती का ही अनुमान है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि US फेड द्वारा 2025 में अपेक्षा से कम दर कटौती से हर तरफ निराशा है और इसने भारत को भी प्रभावित किया है, जहां हाई वैल्यूएशन और कम आय वृद्धि पहले से ही चिंता का विषय है।

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FIIs की लगातार बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार बिकवाली कर रहे हैं। यानी वह भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। पिछले चार सत्रों में ही उन्होंने 12,230 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। मजबूत अमेरिकी डॉलर और आकर्षक अमेरिकी बॉन्ड यील्ड्स के चलते वह भारत जैसे बाजारों से पैसा निकाल रहे हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि कमजोर अर्निंग ग्रोथ के कारण विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजार में ज्यादा आकर्षण नजर नहीं आ रहा है। इसलिए वह पैसा निकाल रहे हैं।

ये भी हैं चिंता का कारण

निफ्टी गुरुवार को अपने 200-डे मूविंग एवरेज (23,870) से नीचे गिर गया, जिससे बिक्री का दबाव बढ़ गया। शुक्रवार को 23,850 के लेवल पर सपोर्ट टूटने से आगे और गिरावट का रास्ता खुल गया है। इस वजह से भी निवेशक चिंतित हैं और नए निवेश से कतरा रहे हैं। इसके अलावा, डॉलर की तुलना में रुपये की बिगड़ती सेहत, भारत का बढ़ता व्यापार घाटा और अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आहट सुनाई भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रही है।

इस वजह से बढ़ा दबाव

एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैंकिंग, IT और फाइनेंशियल सेक्टर का प्रदर्शन भी खास अच्छा नहीं रहा है, इस वजह से बाजार पर दबाव बढ़ा है और मार्केट गिर रहा है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि मौजूदा गिरावट ने आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे चुनिंदा लार्ग-कैप शेयरों को अधिक आकर्षक बना दिया है, लेकिन साथ ही उन्होंने निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह भी दी है।

अब क्या करें निवेशक?

यहां से आम निवेशक की रणनीति क्या हो? इस पर एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें क्वालिटी स्टॉक्स पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और बाजार में अधिक स्थिरता का इंतजार करना चाहिए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने जहां ब्याज दरों में कटौती की है, वहीं चीन के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों को यथावत रखा है। ऐसे में अब सबकी निगाहें भारतीय रिजर्व बैंक की फरवरी में होने वाली बैठक पर टिकी हैं।

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News24 हिंदी

First published on: Dec 21, 2024 09:55 AM

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