शेयर बाजार पिछले 2 सत्रों में गिरावट के साथ बंद हुआ है। जबकि उससे पहले लगातार 7 सत्रों तक बाजार ने तेजी का स्वाद चखा। मार्केट के मौजूदा हाल की वजह है पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ता तनाव। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कुछ कड़े कदम उठाए हैं और कई कदम उठाने की तैयारी भी चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कुछ बड़ा कर सकता है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान ने अपनी हवाई सीमा भारत के लिए बंद कर दी है और युद्ध की बातें कर रहा है। ऐसे में तनाव लंबा खिंचने की संभावना है।
इसलिए है घबराहट
निवेशक इस पूरे हाल पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं और कुछ हद तक घबराए हुए हैं। उनकी घबराहट इसलिए भी जायज है, क्योंकि करीब पांच महीने के दबाव के बाद बाजार में हाल ही में रौनक लौटी है। ऐसे में अगर मार्केट में फिर से गिरावट का दौर शुरू हो जाता है, तो उनका पोर्टफोलियो कमजोर हो जाएगा। 25 अप्रैल की गिरावट में ही निवेशकों ने करीब 9 लाख करोड़ रुपये गंवा दिए हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, लेकिन अगर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव खतरनाक स्तर तक बढ़ा, तो मार्केट का सेंटीमेंट बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
बिगड़ जाएगी कैलकुलेशन
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अमूमन ऐसे हालातों में कुछ दिन के बाद स्थिति सामान्य हो जाती है, लेकिन इस बार भारत के सख्त बयान किसी बड़ी कार्रवाई की तरफ इशारा कर रहे हैं। देश में भी पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठ रही है। अगर भारत कोई बड़ी और गंभीर कार्रवाई करता है, तो मार्केट की सारी कैलकुलेशन बिगड़ जाएगी। उस स्थिति में बाजार को लाल रंग से पीछा छुड़ाने में वक्त लग सकता है। मनी कंट्रोल की रिपोर्ट में अबैकस एसेट मैनेजमेंट के सुनील सिंघानिया के हवाले से बताया गया है कि निवेशकों को फिलहाल इंतजार करने की रणनीति अपनानी चाहिए।
बनी रहेगी ये आशंका
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा हालात से यह आशंका है कि गिरावट लंबी खिंचने पर विदेशी निवेशकों का मूड फिर खराब हो सकता है। अमेरिकी बाजार में अनिश्चितता के चलते फॉरेन इन्वेस्टर भारत का रुख कर रहे हैं। अगर भारत में भी वही माहौल रहता है, तो वे अपने कदम वापस खींच सकते हैं। बता दें कि बीते कुछ महीनों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने भारत से जमकर पैसा निकाला है। अप्रैल के पिछले कुछ सत्रों से उन्होंने वापस खरीदारी पर जोर देना शुरू किया है।
क्या दांव लगाया जाए?
आमतौर पर माना जाता है कि बाजार में गिरावट निवेश का मौका है, लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल बड़ी खरीदारी से बचना चाहिए। उनके अनुसार, अगर दोनों देशों के बीच जंग जैसे हालात पैदा होते हैं, तो मार्केट का मिजाज बिगड़ सकता है। लिहाजा, अभी कुछ दिन वेट एंड वॉच की रणनीति अच्छी रहेगी। ऐसे स्टॉक्स में कुछ निवेश जरूर किया जा सकता है, जिनके फंडामेंटल मजबूत हैं और जिनकी कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे अच्छे रहे हैं। मगर बड़े निवेश से फिलहाल बचना ही उचित रहेगा।