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SIP or FD: करना चाहते हैं बड़ी सेविंग, ये तरीका अपनाएं और जिएं बिंदास जिंदगी

SIP or FD: सेविंग करने के लिए ये दो तरीके पॉपुलर हो रहे हैं। आपको बताते हैं कि दोनों में से कौन सा विकल्प आपके लिए बेस्ट हो सकता है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Oct 10, 2023 08:28
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Photo Credit: Google

SIP or FD: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी सेविंग्स के पीछे लगे हुए हैं। मार्केट में एक से एक बड़े विकल्प आपको सेविंग्स के लिए मिल जाएंगे। पर जानकारी ना होने की वजह से हम कहीं ना कहीं ज्यादा पैसा बनाने का मौका खो देते हैं। जब से कोरोनाकाल से ही लोग अब बड़ी बचत हमेशा अपने साथ रखना चाहते हैं। कब, कहां और कैसी समस्या से हम घिर जाएं, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए आज हम आपको बचत के उन दो तरीकों के बारे में बताते हैं जो आज युवाओं के बीच में सबसे ज्यादा पॉपुलर हो रहे हैं।

SIP और FD दोनों ही रहे हैं पॉपुलर

हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड यानी SIP और FD के बारे में। दोनों ही प्लेटफॉर्म अपनी जगह बेस्ट रिटर्न देते हैं। लेकिन आप कितना निवेश कर रहे हैं, इस बात का भी असर आपके रिटर्न पर पड़ता है। वहीं बैंक के सेविंग अकाउंट की बात करें तो उस पर ब्याज दर ना के ही बराबर है। इसलिए  SIP और FD की तरफ लोगों का ध्यान जा रहा है।

क्या है म्यूचुअल फंड यानी SIP 

पहले बात करते हैं म्यूचुअल फंड की SIP के बारे में। देखिए वैसे तो आप जब चाहे शेयर बाजार में सीधे तौर पर निवेश कर सकते हैं। किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। लेकिन इस सभी प्रोसेस में आपको नुकसान होने के चांस ज्यादा हैं।

मान लिजिए आपने किसी X कंपनी के 20 शेयर 10 रुपए के भाव से खरीदे। लेकिन कुछ दिन बाद कंपनी की पॉलिसी के चलते ये भाव 5 रुपए पर आ गया। तो जब आप बेचने के लिए जाएंगे 100 रुपए का नुकसान सीधे आपको हो जाएगा। वहीं म्यूचुअल फंड की SIP में रिस्क थोड़ा कम रहता है। यहां आप म्यूचुअल फंड के जरिए मार्केट के एक्सपर्ट को अपना पैसा देते हैं, और वो आपके पैसे को 1 कंपनी में ना लगाकर कई कंपनियों में लगाते हैं। जिससे X कंपनी के घाटे में जाने पर दूसरी Y कंपनी के मुनाफे से बैलेंस हो जाता है।

FD का ये है प्लान

FD की बात करें तो ये सबसे सेफ माध्यम है सेविंग करने का। यहां पर एक निश्चित दर से आपको ब्याज दी जाती है। मार्केट की स्थिति का इस पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि बैंक से बैंक ये दर ऊपर नीचे रह सकती हैं। इसलिए कहा जाता है कि अगर जिंदगी में बिना किसी टेंशन के रहना चाहते हैं तो FD का विकल्प चुनें।

SIP और FD दोनों में कैसे करें चुनाव

चुनाव की बात करें तो देखिए दोनों ही अपनी जगह बेस्ट है। हालांकि SIP में मार्केट का रिस्क शामिल होता है। इसलिए यहां नुकसान होने का खतरा है। वहीं दूसरी तरफ FD रिस्क फ्री है, लेकिन यहां रिटर्न कम होता है। कहावत है कि मोर रिस्क, मोर प्रॉफिट। इसलिए अपनी जरूरत और निवेश के अमाउंट के अनुसार दोनों में से चुनाव करें।

First published on: Oct 10, 2023 08:28 AM

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