---विज्ञापन---

JioCoin पर यूं ही खामोश नहीं हैं Mukesh Ambani, 2016 वाली रणनीति पर चल रहा काम!

Reliance Crypto Strategy: जब से रिलायंस जियो के टोकन की खबर सामने आई है, इसे क्रिप्टो मार्केट में मुकेश अंबानी की एंट्री के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, कंपनी ने अभी तक ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Feb 14, 2025 13:21
Share :

Reliance Jio Coin: मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो ने हाल ही में गुपचुप तरीके से अपना कॉइन लॉन्च किया है। आमतौर पर जब कोई लॉन्चिंग होती है, तो बड़े पैमाने पर उसका प्रचार किया जाता है। तमाम स्टेटमेंट जारी होते हैं, लेकिन JioCoin के बारे में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला है। हालांकि, कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रिलायंस ने इस टोकन के साथ क्रिप्टो की दुनिया में कदम रख लिया है और यह कॉइन डिजिटल करेंसी वर्ल्ड में भारत का सिक्का चलाएगा।

हिल जाएगा बाजार

एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोकॉइन को लेकर शांति, तूफान से पहले वाली शांति है। हालांकि, यह तूफान भारत के लिए क्रांतिकारी साबित होगा। ठीक वैसे ही जैसे 2016 में हुआ था जब रिलायंस ने टेलीकॉम क्रांति की थी। कंपनी ने मुफ्त डेटा और कॉलिंग सेवाएं देकर दूरसंचार क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। इससे पहले तक मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करने से पहले लोगों को सौ बार सोचना पड़ता था, क्योंकि उसके दाम काफी ज्यादा थे।

---विज्ञापन---

इसलिए है शांति

क्रिप्टो मार्केट से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि मुकेश अंबानी टेलीकॉम क्रांति की तरह ही क्रिप्टो बाजार में भी क्रांति लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। रिलायंस इस मार्केट पर भी हावी होना चाहती है और उसके लिए यह संभव भी है। कंपनी ने अगर अभी तक JIoCoin को लेकर कोई घोषणा नहीं की है, तो इसके पीछे भी एक रणनीति है। दरअसल, भारत सरकार क्रिप्टो को लेकर अपना नजरिया बदल रही है। रिलायंस की इस पर नजर है और इसी अनुसार कंपनी टोकन का भविष्य तय करेगी।

एकतरफा रुख नहीं

कुछ वक्त पहले आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा था कि कई देशों ने क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग, उसकी स्वीकृति और क्रिप्टो संपत्तियों के महत्व को लेकर अपने रुख में बदलाव किया है। इसी के तहत हम भी अपने डिस्कशन पेपर पर दोबारा विचार कर रहे हैं। सेठ ने आगे कहा कि चूंकि ऐसी परिसंपत्तियां सीमाओं में विश्वास नहीं करतीं, इसलिए भारत का रुख एकतरफा नहीं हो सकता। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी पर डिस्कशन पेपर 24 सितंबर, 2024 को जारी किया जाना था। लेकिन यह अब तक जारी नहीं हो सका है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और SEBI सहित विभिन्न हितधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद इसे जारी किया जाना है।

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें – एक जैसे पर एक नहीं: ट्रेडिशनल क्रिप्टोकरेंसी से किस तरह अलग है रिलायंस JioCoin?

नए बिल में भी जिक्र

नए इनकम टैक्स बिल में भी सरकार ने क्रिप्टो का जिक्र किया है। बिल के अनुसार, क्रिप्टो एसेट्स को किसी भी अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत वर्गीकृत किया जाएगा। जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को किया जाता है। ऐसा इसलिए ताकि डिजिटल ट्रांजैक्शन को पारदर्शी और कानूनी तरीके से नियंत्रित किया जा सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि रिलायंस सभी अपडेट पर बारीकी से नजर रखे हुए है और जल्द ही JioCoin को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी कर सकती है।

कारगर है रणनीति

रिलायंस ने टेलीकॉम सेक्टर वाली रणनीति को विभिन्न डिजिटल क्षेत्रों में भी लागू किया है – आकर्षक ऑफर और छूट के साथ बाजार में प्रवेश करना, मुफ्त सेवाएं प्रदान करना, प्रतिस्पर्धियों को चुनौती देना और आखिरी में मार्केट लीडर बन जाना। अगर रिलायंस जियो क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भी यही रणनीति अपनाती है, तो यहां भी उसी तरह के ऑफर देखने को मिल सकते हैं। इस तरह रिलायंस पूरे क्रिप्टो मार्केट पर अपनी छाप छोड़ सकती है।

गेम-चेंजर कदम

जियोकॉइन की आधिकारिक कीमत अभी घोषित नहीं की गई है। हालांकि, अनुमान के मुताबिक इस कॉइन की शुरुआती कीमत करीब 0.50 डॉलर यानी 43.30 रुपये हो सकती है। इसके बाद JioCoin के दाम तेजी से बढ़ सकते हैं। मुकेश अंबानी जियोकॉइन को ब्लॉकचेन तकनीक को आम जनता तक पहुंचाने के तरीके के रूप में देखते हैं। जियो के 450 मिलियन से अधिक के यूजर बेस के साथ रिलायंस का यह कदम एक गेम-चेंजर हो सकता है, जो संभावित रूप से भारत में वेब3 को व्यापक रूप से अपनाने में मदद कर सकता है।

इस तरह मिलेगा फायदा

रिलायंस के FAQ सेक्शन में कहा गया है कि JioCoins ब्लॉकचेन-आधारित रिवॉर्ड टोकन है, जिसे उपयोगकर्ता अपने भारतीय मोबाइल नंबरों का उपयोग करके जियो प्लेटफॉर्म लिमिटेड (JPL) द्वारा तय किए गए विभिन्न मोबाइल या इंटरनेट बेस्ड ऐप से जुड़कर कमा सकते हैं। कॉइनDCX की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसे-जैसे भारत ब्लॉकचेन तकनीक को अपनाता है, यह कॉइन फाइनेशियल एक्सेस बढ़ा सकता है और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे सकता है।

HISTORY

Edited By

News24 हिंदी

First published on: Feb 14, 2025 01:21 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें