RBI Monetary Policy Unchanged: RBI की तरफ से नहीं मिला दिवाली तोहफा, जी हां। जिस बात का डर था वही हुआ. आरबीआई की तरफ से आज मॉनेटरी पॉलिसी जारी की गईं. पर उसमें ऐसा कुछ नहीं था जो आम आदमी को सीधे तौर पर राहत दे सके। हम सभी उम्मीद कर रहे थे कि रेपो रेट में कुछ कमी देखने को मिल सकती है, जिससे ईएमआई (EMI) कम हो, थोड़ी राहत मिले। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। 6.5 फीसदी पर रेपो रेट को कायम रखा है। यानी जिसने लाखों का लोन लिया हुआ है, वो उसी दर से अपनी ईएमआई (EMI) भरता रहेगा, जो अभी तक करता आ रहा था। आरबीआई ने तो आपकी मदद नहीं की, पर हम आपके लिए कुछ टिप्स लेकर आए हैं। जो आपकी ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं।
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ये टिप्स अपनाएं और कर्ज के बोझ से खुद को बचाएं
- ये बात हमेश ध्यान रखें कि जब भी आपको जरूरत हो तभी लोन लें। अगर मौज मस्ती के लिए लोन लिया है तो आगे चलकर आपकी मौज परेशानी में बदल सकती है।
- लोन अगर 50 हजार तक है तो कोशिश करें कि ईएमआई (EMI) को ज्यादा रख कर, कम महीने में ही इसका भुगतान कर दें।
- अगर लोन 50 हजार से ऊपर और 1 लाख के बीच में है तो कोशिश करें कि आरबीआई की स्ट्रक्चर पालिसी से बचा जाए। सिंपल रह कर अपनी ईएमआई का भुगतान करने पर ध्यान रखें।
- 1 लाख से लेकर अगर लोन 5 लाख तक है तो आप स्ट्रक्चर पॉलिसी की तरफ जा सकते हैं। यानी लोन को 2 भागों में डिवाइड करके इसकी ईएमआई का भुगतान किया जा सकता है।
- सबसे बड़ी बात एक साथ कभी दो ये इससे ज्यादा लोन ना लें। अगर फिर भी लेना पड़ रहा है तो जिस लोन की ईएमआई (EMI) दर सबसे ज्यादा है, पहले उसे चुकाने में अपना पैसा लगाएं। नहीं तो पैनल्टी ही ईएमआई के बराबर हो जाएगी।
- आखिर में कोशिश ये करें कि अपनी ईएमआई (EMI) डेट को अपने हिसाब से सेट करें कि आप उसका भुगतान कर सकें। अगर एक भी किश्त मिस हो जाती है तो फिर डबल आपकी जेब पर असर पड़ेगा।