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उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजे फिर क्यों लुढ़के Infosys के शेयर? Narayana Murthy Family को तगड़ा नुकसान

Narayan Murthy Loss: आमतौर पर जब किसी कंपनी के तिमाही नतीजे अच्छे आते हैं, तो उसके शेयरों में बढ़त दिखाई देती है लेकिन इंफोसिस के मामले में ऐसा नहीं हुआ है।

Photo Credit: Google
Narayana Murthy Family: इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति और उनकी फैमिली ने बीते 24 घंटों में 1900 करोड़ रुपये का तगड़ा नुकसान उठाया है। उन्हें यह आर्थिक झटका इंफोसिस के शेयरों में आई गिरावट से लगा है। दरअसल, तिमाही नतीजों के बाद से कंपनी के शेयरों में नरमी देखी जा रही है। इंफोसिस के वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही (Q3) के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे हैं, इसके बावजूद कंपनी के शेयरों में गिरावट है और इससे मूर्ति फैमिली की दौलत घट रही है।

इस वजह से आई गिरावट

मूर्ति फैमिली के घाटे पर ज्यादा बात करने से पहले यह जानते हैं कि आखिर नतीजे अच्छे रहने के बाद भी कंपनी के शेयर नीचे क्यों आए? एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंफोसिस के शेयरों में गिरावट की प्रमुख वजह है मुनाफावसूली। उनका कहना है कि IT कंपनी के लिए डिस्क्रेशनरी खर्च में सुधार की रफ्तार ज्यादा व्यापक नहीं है। तीसरी तिमाही में राजस्व वृद्धि के टिकाऊ होने पर भी चिंता बढ़ गई है। इस वजह से निवेशक फिलहाल मुनाफा कमाकर निकल रहे हैं और शेयरों में गिरावट है। यह भी पढ़ें - कम सैलरी और टॉक्सिक वर्क कल्चर पर क्या बोले Infosys CEO Salil Parekh?

क्या है ब्रोकरेज का कहना?

ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि इंफोसिस के स्टॉक को लेकर अब क्या रणनीति हो? ब्रोकरेज फर्म का विश्वास इस स्टॉक अभी भी कायम है। बर्नस्टीन ने इसे 2,330 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ आउटपरफॉर्म रेटिंग दी है। HSBC ने इसके लिए 2,120 रुपये का टार्गेट प्राइस सेट किया है। नोमूरा ने भी इंफोसिस को BUY रेटिंग देते हुए टार्गेट प्राइस बढ़ाकर 2,220 रुपये कर दिया है, जबकि मॉर्गन स्टेनली ने इसके लिए 2,150 रुपये का लक्ष्य रखा है। ब्रोकरेज के विश्वास को देखें तो अभी शेयर उड़ान भर सकता है।

कितनी है हिस्सेदारी?

अब लौटते हैं मूर्ति फैमिली के नुकसान पर। कल इंफोसिस के शेयर 5.75% की गिरावट के साथ 1,817.50 रुपये पर बंद हुए। इस वजह से मूर्ति फैमिली को करीब 1900 करोड़ रुपये का बड़ा नुकसान हुआ है। इंफोसिस में मूर्ति परिवार के पास कुल 4.02% हिस्सेदारी है। सितंबर तिमाही के डेटा के अनुसार, नारायण मूर्ति के पास कंपनी की 0.40% हिस्सेदारी है। इसमें पत्नी सुधा एन मूर्ति के पास 0.92%, बेटे रोहन मूर्ति के पास 1.62%, बेटी अक्षता मूर्ति के पास 1.04% और नारायण मूर्ति के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति के पास 0.04% हिस्सेदारी है। इस तरह, मूर्ति परिवार के 5 सदस्यों के पास इंफोसिस में कुल 4.02% हिस्सेदारी है, जिसकी कीमत शुक्रवार की गिरावट के बाद 30,334 करोड़ रुपये रह गई है। यह भी पढ़ें – 8वें वेतन आयोग का कहां, कैसे पड़ेगा असर? समझिये Pay Commission का पूरा गणित

70-घंटे काम पर हुई थी आलोचना

नारायण मूर्ति ने 2023 में युवाओं को 70 घंटे काम की सलाह दी थी, जिसकी काफी आलोचना हुई। कह सकते हैं कि इसके बाद से ही वर्क कल्चर और कम सैलरी को लेकर इंफोसिस की आलोचना शुरू हो गई। हाल ही में पुणे के भूपेंद्र विश्वकर्मा ने कंपनी को लेकर लिंक्डइन पोस्ट में कई आरोप लगाए थे। विश्वकर्मा ने बताया था कि उन्होंने दूसरी नौकरी मिलने का इंतजार किए बिना ही इंफोसिस छोड़ दी, क्योंकि यहां कई समस्याएं थीं। जिसमें करियर ग्रोथ न होना, काम का अत्यधिक बोझ और टॉक्सिक वर्क कल्चर प्रमुख हैं।   यह भी पढ़ें – GDP ग्रोथ और भारतीय इकोनॉमी को कैसे प्रभावित करेगा 8वां वेतन आयोग?


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