Success Story of George v Nereamparambil : 830 मीटर की अविश्वसनीय ऊंचाई पर स्थित, बुर्ज खलीफा न केवल दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है, बल्कि यह अब तक बनी सबसे शानदार इमारतों में से एक है. अपनी 163 मंजिलों वाली यह गगनचुंबी इमारत दुनिया भर के लोगों के लिए एक ऐसा गंतव्य स्थल है जहां वे न केवल इसकी ऊंचाई, बल्कि दुबई के मनमोहक दृश्यों का भी आनंद ले सकते हैं.
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हालांकि, पर्यटन के अलावा, भारतीय इस इमारत की रियल एस्टेट में भी एक प्रमुख खिलाड़ी हैं. बुर्ज खलीफा में एक बेडरूम वाले फ्लैट का सालाना किराया 150000 से 180000 दिरहम (42 लाख रुपये से ज़्यादा) तक हो सकता है. इस भारतीय के पास सिर्फ एक या दो फ्लैट नहीं, बल्कि इमारत में 22 अपार्टमेंट हैं, जिनकी वजह से उन्हें “बुर्ज खलीफा का बादशाह” का खिताब मिला है. 163 मंजिल वाली बुर्ज खलीफा दुनिया की सबसे ऊंची इमारत है और इसमें 900 अपार्टमेंट हैं. ज़ी न्यूज़ हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से 150 अपार्टमेंट भारतीयों के हैं.
बुर्ज खलीफा में 22 फ्लैट्स रखने वाला कौन है भारतीय कारोबारी?
उस भारतीय करोबारी का नाम, जॉर्ज वी. नेरेमपराम्बिल है, जो बुर्ज खलीफा में 22 अपार्टमेंट के मालिक हैं. जॉर्ज मूल रूप से केरल के रहने वाले हैं. जॉर्ज पंचम नेरेमपरम्बिल का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था. 11 साल की छोटी सी उम्र में ही उन्होंने अपने परिवार का भरण-पोषण करना शुरू कर दिया था. उन्होंने नकदी फसलों का व्यापार शुरू किया, परिवहन और यांत्रिकी का काम किया. उन्होंने कपास के बीजों से गोंद बनाने का एक अतिरिक्त व्यवसाय भी शुरू किया. उन्होंने कचरा बेचकर भी पैसा कमाया.
साल 1976 में, जॉर्ज शारजाह चले गए और एक अवसर पाकर दुबई में एयर कंडीशनिंग सेवाओं के क्षेत्र में काम करने लगे और GEO ग्रुप ऑफ कंपनीज़ की स्थापना की. लेकिन जॉर्ज का लोगों ने खूब मजाक भी बनाया. अगर मीडिया रिपोर्टों की मानें तो उनके परिवार के एक सदस्य ने उनका मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि वह कभी भी ‘बुर्ज खलीफा में कदम नहीं रख पाएंगे.’ जॉर्ज ने इन शब्दों को दिल से लिया और उस ऊर्जा को उस मुकाम तक पहुंचाया जिसे दूसरे असंभव मानते थे.
अपने रिश्तेदार के अपमान ने जॉर्ज को इतना आहत किया कि उसने खुद से वादा किया कि वह न सिर्फ बुर्ज खलीफ़ा घूमेगा, बल्कि उसका एक हिस्सा भी अपनाएगा. उसने एक अख़बार में बुर्ज खलीफ़ा में एक किराये के अपार्टमेंट का विज्ञापन देखा. साल 2010 में, उसने उसे किराए पर लेने का फ़ैसला किया. बाद में उन्होंने इमारत के 900 आलीशान अपार्टमेंट में से धीरे-धीरे 22 अपार्टमेंट ख़रीद लिए. उसने बुर्ज खलीफ़ा की यात्रा करने के अपने दृढ़ संकल्प को एक असाधारण सफलता में बदल दिया.










