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आस्था के Maha Kumbh से सबका भला, इकॉनमी होगी मजबूत, कंपनियां कमाएंगी पैसा

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज में जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ को लेकर कंपनियों ने भी कमर कस ली है। वह बड़े पैमाने पर खर्चा करने वाली हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि आस्था के इस कुंभ से उनकी आर्थिक सेहत को भी बूस्ट मिलेगा।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Dec 14, 2024 10:18
Maha Kumbh 2025
Maha Kumbh 2025 (File Photo)

Maha Kumbh 2025: अगले साल की शुरुआत धर्म और आस्था के महाकुंभ (Maha Kumbh 2025) से होने वाली है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से शुरू हो रहा महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा। इस दौरान, हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे। धार्मिक उत्सव होने के साथ-साथ महाकुंभ 2025 आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी लाएगा। कारोबारियों को भी महाकुंभ से महा-कमाई का उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे थे और शहर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए 5500 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया।

इतनी रह सकती है संख्या

इस बार का महाकुंभ काफी भव्य होने वाला है। प्रयागराज में होने वाले 2025 के महाकुंभ में करीब 40 करोड़ तीर्थयात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है, जबकि 2019 के कुंभ में 25 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार मेला ग्राउंड का क्षेत्रफल 4,000 हेक्टेयर है, जो 2019 की तुलना में 20% अधिक है। इस क्षेत्र को 25 सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। इसी तरह, इस बार टेंट सिटी का आकार भी 2019 की तुलना में दोगुना है, इसमें कुल 1.6 लाख टेंट होंगे। भक्तों की इतनी बड़ी के मद्देनजर कई घाटों को पक्का किया गया है।

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सबको मिल रहा काम

प्रशासन आयोजन को भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। इस बार पहले से ज्यादा अस्थायी पुल बनाए जा रहे हैं। 2019 में इसकी संख्या 22 थी, जो इस बार 30 से अधिक है। इसके अलावा, 400 किलोमीटर अस्थायी सड़कें बनाई जा रही हैं। पूरे क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट का जाल फैलाया जा रहा है। इसकी संख्या पिछली बार के 40,000 से बढ़ाकर 67,000 कर दी गई है। इस तरह आस्था के इस उत्सव से बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार और काम मिला है।

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क्लीन के साथ ग्रीन महाकुंभ

स्वच्छता और सीवेज की जरूरतों को पूरा करने के लिए इस बार मेला ग्राउंड में 1.5 लाख शौचालय बनाए जा रहे हैं और उन्हें साफ रखने के लिए 10,000 सफाई कर्मचारी लगाए जाएंगे। सरकार ने आयोजन से पहले 3 लाख से अधिक पौधे लगाकर ग्रीन कुंभ बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए हैं। जबकि 2019 में, हरियाली का अधिकांश हिस्सा गमलों में लगे पौधे थे। अधिकारियों ने बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए 550 से अधिक शटल बसें और 7000 रोडवेज बसें चलाई जाएंगी। बस स्टेशनों की संख्या पिछली बार के पांच से बढ़ाकर सात कर दी गई है।

मिला था इतना रिवेन्यु

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि रेलवे महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 3000 विशेष ट्रेनों सहित लगभग 13,000 ट्रेनें चलाएगा। उन्हें उम्मीद है कि इस दौरान लगभग 1.5 करोड़ से 2 करोड़ यात्री ट्रेन से प्रयागराज पहुंचेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में हुए पिछले महाकुंभ से हवाई अड्डों, होटलों के बुनियादी ढांचे में वृद्धि सहित कुल 12,000 करोड़ रुपए का रिवेन्यु प्राप्त हुआ था, 2019 के कुंभ में यह आंकड़ा 1.2 लाख करोड़ रुपए रहा। वैसे तो कुंभ मेला आध्यात्मिक आयोजन है, लेकिन इससे जुड़ी आर्थिक गतिविधियों के चलते 2019 में विभिन्न क्षेत्रों में छह लाख से अधिक श्रमिकों के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए थे।

मार्केटिंग पर 3000 करोड़

उद्योग जगत महाकुंभ को लेकर बेहद उत्साहित है। कंपनियों को उम्मीद है कि उन्हें यहां से अपनी कारोबारी गतिविधियों में तेजी के अनगिनत मौके मिल सकते हैं। इसलिए महाकुंभ में ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर उद्योग जगत कम से कम 3000 करोड़ रुपए खर्च करने जा रहा है। हिंदुस्तान यूनिलीवर से लेकर EV कंपनियों ने भी इसमें रुचि दिखाई है।

पहले से ज्यादा खर्चा

एक रिपोर्ट बताती है कि कंपनियां कारोबारी लाभ के लिए आस्था के इस संगम में डुबकी लगाना चाहती हैं। वह मार्केटिंग पर पहले से ज्यादा खर्चा कर रही हैं, स्टॉल लगा रही हैं, उन्होंने पहले से ही डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त करने शुरू कर दिए हैं। इतना ही नहीं, कई कंपनियां आध्यात्मिक पैक भी लॉन्च कर रही हैं। डाबर जैसी कंपनियों ने इस आयोजन के लिए खास तैयारी की है। कंपनी कुंभ मेले में स्वचालित टूथपेस्ट डिस्पेंसर लगा रही है। साथ ही उसकी ‘दंत’ स्नान जोन भी स्थापित करने की योजना है।

इकॉनमी पर होगा बड़ा प्रभाव

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि महाकुंभ का राज्य की अर्थव्यवस्था पर बड़ा प्रभाव होगा। सरकार ने 2024-25 के बजट में महाकुंभ के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वहीं, केंद्र ने महाकुंभ के लिए 2,100 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान को मंजूरी दी है। कुल मिलाकर कहा जाए तो आस्था का महाकुंभ आर्थिक गतिविधियों का भी महाकुंभ साबित होने वाला है।

First published on: Dec 14, 2024 10:18 AM

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