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IPO vs FPO : क्या हैं दोनों के फायदे और नुकसान? किसमें है निवेश करने का फायदा, जानें पूरी डिटेल्स

IPO vs FPO : Vodafone-Idea ने आज अपना FPO (Follow on Public Offer) जारी कर दिया है। निवेशक इसमें 22 अप्रैल तक निवेश कर सकते हैं। कंपनी के इस FPO के बाद इस बात को लेकर काफी निवेशकों में कन्फ्यूजन है कि आखिर FPO क्या है और यह IPO से कैसे अलग होता है। जानें, इन दोनों में क्या अंतर है:

IPO या FPO में निवेश से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें
IPO vs FPO : हाल ही में Bharti Hexacom कंपनी का IPO आया था। जब यह शेयर मार्केट में लिस्ट हुआ तो इसमें निवेश करने वालों की बल्ले-बल्ले हो गई। जब आईपीओ आया था तो इस कंपनी के 1 शेयर की कीमत 570 रुपये थी। 12 अप्रैल को जब यह शेयर मार्केट में लिस्ट हुआ तो इसकी कीमत 755 रुपये थी। यानी पहली ही बार में निवेशकों को करीब 32 फीसदी का फायदा हो गया। आज गुरुवार को इस कंपनी के एक शेयर की कीमत 995 रुपये पार कर चुकी है। यह थी IPO (Initial Public Offering) की बात।

क्या है IPO

जब किसी कंपनी को अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है तो वह देशभर के लोगों से पैसे जुटा सकती है। इसके लिए उसे शेयर मार्केट में लिस्ट होना पड़ता है। कंपनी अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा लोगों में बांटकर रकम जुटाती है। इस हिस्से को शेयर कहा जाता है। IPO के जरिए कंपनी पहली बार अपने शेयर निवेशकों के लिए खोलती है। IPO जारी होने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में लिस्ट हो जाती है। [caption id="attachment_675259" align="alignnone" ] IPO या FPO में निवेश से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें[/caption]

क्या है FPO

FPO भी किसी कंपनी के लिए निवेशकों से फंड जुटाने की प्रक्रिया है। इसमें भी कंपनी शेयर जारी करती है। अंतर इतना होता है कि FPO वही कंपनी लाती है तो पहले से शेयर मार्केट में लिस्ट हो। IPO वह कंपनी लाती है जो पहली बार शेयर मार्केट में लिस्ट होने जा रही होती है। चूंकि कंपनी IPO के जरिए अपनी कुछ हिस्सेदारी निवेशकों में बांट चुकी होती है, ऐसे में जब कोई कंपनी FPO लाएगी तो इसका मतलब हुआ कि वह अपनी और हिस्सेदारी निवेशकों में बांटकर पैसा इकट्ठा करना चाहती है। इस पैसे को कंपनी अपने विस्तार, कर्ज चुकाने और दूसरी बिजनेस एक्टिविटीज में इस्तेमाल करती हैं।

IPO में निवेश के फायदे व नुकसान

  • जब शेयर मार्केट में लिस्ट होते हैं तो एक ही बार अच्छा रिटर्न मिल सकता है। ऐसे में ज्यादा रिटर्न के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ता।
  • कई बार कंपनी के बारे में सही अनुमान नहीं लगा पाते और जब शेयर लिस्ट होते हैं तो उनकी कीमत कम भी हो सकती है। ऐसे में नुकसान भी तुरंत हो जाता है।
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FPO में निवेश के फायदे व नुकसान

  • FPO के जरिए जो कंपनी शेयर जारी करती है, उसकी कीमत कंपनी के मौजूदा शेयरों से कम होती है। ऐसे में निवेशकों को सस्ते में शेयर खरीदने का मौका मिल जाता है।
  • निवेशक के पास कंपनी की ग्रोथ को जानने का मौका होता है। ऐसे में कंपनी की स्थिति को जानकार निवेश कर सकते हैं।
  • ज्यादातर कंपनियां अपने कर्ज कम करने के लिए FPO लाती हैं। ऐसे में निवेशकों को सही रिटर्न मिल पाएगा, इसके बारे में अनुमान लगाना मुश्किल होता है।
Disclaimer : शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा हो सकता है। इसलिए इसमें निवेश करने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें।


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