Scotch Whisky News: शराब के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। जल्द ही एक और विदेशी व्हिस्की के दामों में कमी आ सकती है। हालांकि, ग्राहकों की इस राहत से स्थानीय कंपनियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। उन्हें प्राइस वॉर में उलझना पड़ सकता है। हाल ही में सरकार ने अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम की है, जिस पर लोकल कंपनियों ने ऐतराज जताया है।
समीक्षा की है तैयारी
भारत-ब्रिटेन के बीच एक बार फिर से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत शुरू हो गई है। इस बीच, सरकार बॉर्बन वाली राहत यूनाइटेड किंगडम की स्कॉच व्हिस्की को दे सकती है। CNBC की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि सरकार विदेशी शराब पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी की समीक्षा की योजना बना रही है। इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय बैठक जल्द ही प्रस्तावित है।
अभी कितना लगता है टैक्स
मौजूदा व्यवस्था के तहत विदेशी व्हिस्की पर 50% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है और 100% एग्रीकल्चर इंफ्रा एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC) लगता है। माना जा रहा है कि सरकार यूएस व्हिस्की पर राहत के समान ही यूके स्कॉच पर 50% बेसिक कस्टम ड्यूटी और 50% AIDC का निर्णय ले सकती है। यदि ऐसा होता है तो ब्रिटेन से भारत आयात की जाने वाली स्कॉच व्हिस्की सस्ती हो जाएगी।
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CIABC ने जताई चिंता
कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन एल्कोहलिक बेवरेजेस कंपनीज (CIABC) विदेशी शराब पर इम्पोर्ट ड्यूटी में छूट को लेकर चिंतित है। उसने सरकार से भारतीय कंपनियों के हितों की रक्षा करने की अपील की है। उसका कहना है कि शुल्क में कटौती चरणबद्ध तरीके से की जानी चाहिए। CIABC का कहना है कि वह आयात शुल्क में कटौती के खिलाफ नहीं है, लेकिन घरेलू कंपनियों के हितों की रक्षा पहले की जानी चाहिए।
ऐसे बढ़ेगी मुश्किल
भारत में आयातित व्हिस्की में 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी ब्रिटेन की है। ऐसे में स्कॉच व्हिस्की पर आयत शुल्क घटने से ब्रिटेन की कंपनियों को काफी फायदा होगा। जबकि सस्ते में विदेशी व्हिस्की मिलने से स्थानीय कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत ने अमेरिका से आने वाली वाइन की कई वैराइटी पर भी आयात शुल्क में कटौती की है। इसके अलावा, ऑस्ट्रेलियाई वाइन पर शुल्क घटाया गया है। ऐसे में स्कॉच व्हिस्की के सस्ता होने से लोकल लिकर मेकर्स की परेशानियों में ज्यादा इजाफा हो सकता है।
सरकार को मोटी कमाई
एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत में विदेशी शराब का क्रेज किसी से छिपा नहीं है। जब दूसरे देशों की फेमस शराब यहां सस्ते में मिलेगी, तो जाहिर है खरीदने वालों की पहली चॉइस वही होगी। ऐसे में स्थानीय कंपनियों का कारोबार प्रभावित होने की आशंका बनी रहेगी। उनके मुताबिक, शराब के कारोबार से सरकार को भी तगड़ा फायदा होता है। शराब इंडस्ट्री सालाना 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व सरकार को देती है। लिहाजा, सरकार को स्थानीय कंपनियों के हितों की रक्षा पर पहले ध्यान देना चाहिए।