सोने की कीमतें अपडेट हो गई हैं। गोल्ड प्राइस में आज यानी 28 अप्रैल को फिर गिरावट आई है। सोने के दाम 600 रुपये से अधिक टूटे हैं। पिछले लगातार 5 सत्रों से सोना सस्ता हो रहा है। 1 लाख प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा छूने के एक ही दिन बाद गोल्ड नीचे फिसल गया और तब से लगातार इसमें नरमी आ रही है।
आज क्या हैं दाम?
सोना इस समय 97 हजार के ऊपर चल रहा है। गुड रिटर्न्स के अनुसार, 24 कैरेट वाला 10 ग्राम सोना 97,530 रुपये के भाव पर मिल रहा है। जबकि पिछले सत्र में इसकी कीमत 98,210 थी। इस हिसाब से गोल्ड 680 रुपये सस्ता हुआ है। वहीं, चांदी के दम भी गिरे हैं। 1 किलोग्राम चांदी 1,01,900 रुपये से घटकर अब 1,00,500 रुपये पर आ गई है।
गिरावट की आशंका
गोल्ड प्राइस यहां से कहां जाएंगे, फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है। अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ गतिरोध को लेकर सटीक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता। अगर दोनों के बीच हालात खराब होते हैं, तो गोल्ड की कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है। अन्यथा इसके नरम रुख के साथ कारोबार करने की संभावना है। कुछ कमोडिटी एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर यूएस-चीन के बीच हालात सामान्य होते हैं, तो अगले 6 महीनों में सोना 75,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल पर भी पहुंच सकता है।
उछाल की उम्मीद
वहीं, अमेरिकी फाइनेंशियल फर्म यार्डेनी रिसर्च के प्रेसिडेंट एड यार्डेनी का मानना है कि इस साल के आखिरी तक गोल्ड प्राइस 4000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है और 2026 में गोल्ड 5000 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े को पार कर सकता है। यानी अगले साल भारत में इसकी कीमत 1,53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। यार्डेनी ने सोने में संभावित तेजी के कारण बताते हुए कहा कि वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और कमजोर होता डॉलर गोल्ड की कीमतों में इजाफे के लिए जिम्मेदार हैं और आगे भी इनसे गोल्ड को बूस्ट मिलेगा।
कैसे पड़ता है असर?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है दाम?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।
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