Gold Price Update: सोने की कीमतों में तेजी जारी है। शुक्रवार को 24 कैरेट वाले 10 ग्राम सोने के दाम करीब 330 रुपये की बढ़त के साथ 82,420 रुपए पहुंच गए हैं। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी के बाद से सोना लगातार महंगा हो रहा है। इसकी वजह ट्रंप की ट्रेड नीतियों के बारे में अनिश्चितता के चलते डॉलर में मजबूती की स्पीड का धीमा होना है।
यहां भी आई तेजी
भारत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी Gold की कीमतों में तेजी बनी हुई है। शुरुआती कारोबार में स्पॉट गोल्ड 0.8% उछलकर 2,774.49 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया और इस सप्ताह अब तक इसने 2% से अधिक की वृद्धि हासिल की है। इसी तरह, यूएस गोल्ड फ्यूचर 0.6% बढ़कर 2,781.80 डॉलर पर पहुंच गया है।
यह भी पढ़ें – क्या 1 लाख का निवेश 1 करोड़ बन सकता है? जवाब है ‘हां’ और तरीका भी जान लीजिए
डॉलर में नरमी क्यों?
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, डॉलर में इस सप्ताह 1% से अधिक की गिरावट आई है और यह पिछले दो महीनों में सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट की ओर बढ़ रहा है। रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के बयान बाजार की उम्मीदों के विपरीत रहे हैं। उन्होंने शपथग्रहण के बाद आक्रामक टैरिफ लागू करने से परहेज किया है, जिस वजह से डॉलर में नरमी आई है।
डिमांड में आई तेजी
डोनाल्ड ट्रंप ने ब्याज दरों में तत्काल कमी लाने की बात कही, लेकिन टैरिफ पर कोई स्पष्टता नहीं दी। भविष्य की नीतियों के बारे में स्पष्टता की कमी के कारण बाजार निवेशक अस्थिरता से बचने के लिए सोने जैसे सुरक्षित विकल्पों का रुख कर रहे हैं। इससे सोने की डिमांड बढ़ रही है और दाम चढ़ रहे हैं। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है।
कैसे प्रभावित होती हैं कीमतें?
देश में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट सहित प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।
कौन तय करता है कीमत?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा Gold की कीमत तय की जाती है। वो US डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है, जो बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है। वहीं, अपने देश में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य टैक्स को जोड़कर यह निर्धारित करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा।