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दुनिया में बिकने वाला हर 5 में से 1 आईफोन ‘मेड इन इंडिया’, चीन को जलाने वाले आंकड़े आए सामने

एप्पल के भारत में प्रोडक्शन को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, उसे देखकर चीन को आग लग जाएगी। अमेरिकी कंपनी एप्पल अपने आईफोन के निर्माण के लिए भारत को तवज्जो दे रही है। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव से इसमें और तेजी आने की उम्मीद है।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 15, 2025 13:47
Apple iPhone 16 Pro Max

दुनिया में बिकने वाला हर पांच में एक आईफोन भारत में निर्मित है। अमेरिकी कंपनी एप्पल (Apple) अपने आईफोन के प्रोडक्शन के लिए भारत पर जोर दे रही है। मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में एप्पल ने भारत में अपने iPhone उत्पादन को बढ़ाकर 22 अरब डॉलर कर दिया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। भारत पर एप्पल के बढ़ते भरोसे को दर्शाते ये आंकड़े निश्चित रूप से चीन को पसंद नहीं आएंगे।

कोरोना में हुई थी शुरुआत

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, एप्पल अब अपने iPhones का 20 फीसदी या 5 में से एक आईफोन दक्षिण एशियाई देश में बनाती है। इससे पता चलता है कि आईफोन मेकर और उसके स्पलायर्स अब चीन से भारत पर शिफ्ट हो रहे हैं। इसकी शुरुआत कोरोना काल में चीन में लागू कड़े लॉकडाउन के समय हुई थी, जब एप्पल के सबसे बड़े प्लांट में प्रोडक्शन को प्रभावित हुआ था। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ रहे तनाव के मद्देनजर भी एप्पल ने भारत पर फोकस बढ़ा दिया है।

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भारत में कौन बना रहा आईफोन?

एप्पल ने भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ वॉर तेज होने से भारत में एप्पल के उत्पादन में तेजी का सकती है और इससे निर्यात में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। तमिलनाडु में स्थित फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप के कारखाने में एप्पल के मेड इन इंडिया आईफोन का एक बड़ा हिस्सा तैयार किया जाता है। इसके साथ ही टाटा समूह भी एप्पल का प्रमुख सप्लायर है।

प्रोडक्शन में आएगी तेजी

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फरवरी में पारस्परिक टैरिफ की योजना की घोषणा के बाद भारत में निर्मित आईफोन के अमेरिकी शिपमेंट में तेजी आई है। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में स्मार्टफोन सहित इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को टैरिफ से छूट दी है, जिससे एप्पल को अस्थायी राहत मिली है। हालांकि, यह छूट स्थायी नहीं है और चीनी सामानों पर 20% का शुल्क लागू है, जिससे एप्पल को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने पर फोकस करना होगा।

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भारतीय बाजार में इतनी हिस्सेदारी

हालांकि, एप्पल के लिए चीन से पूरी तरह दूर होना आसान नहीं है। ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस ने पहले अनुमान लगाया था कि चीन से एप्पल की उत्पादन क्षमता का महज 10% हिस्सा दूसरी तरह शिफ्ट करने में ही आठ साल लग सकते हैं। भारत अब प्रीमियम टाइटेनियम प्रो मॉडल सहित एप्पल की फुल iPhone रेंज का उत्पादन करता है। भारत के स्मार्टफोन मार्केट में एप्पल की हिस्सेदारी लगभग 8% है, जिसकी बिक्री वित्त वर्ष 2024 में लगभग 8 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगी।

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Edited By

Neeraj

First published on: Apr 15, 2025 01:47 PM

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