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भारत के इन 5 सेक्टर्स पर दिखेगा रेसिप्रोकल टैरिफ का सबसे ज्यादा असर, बड़े नुकसान की आशंका

डोनाल्ड ट्रंप के अगले टैरिफ राउंड की शुरुआत आज से हो रही है। माना जा रहा है कि ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ से भारत के कई सेक्टर्स पर प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, भारत ने डोनाल्ड ट्रंप की नाराजगी को दूर करने के लिए अपने स्तर पर कई कदम भी उठाए हैं।

Author Edited By : Neeraj Updated: Apr 2, 2025 14:32
donald trump
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंफ। (फाइल फोटो)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड आज यानी 2 अप्रैल से भारत सहित कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लागू कर रहे हैं। ट्रंप कई मौकों पर भारत को टैरिफ किंग कह चुके हैं, ऐसे में आशंका इस बात की अधिक है कि वह भारत के खिलाफ कड़ी कदम उठाएं। डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया है कि टैरिफ लागू होने के बाद इस बारे में संबंधित देशों से बातचीत के रास्ते खुले रहेंगे। यानी वह मोलभाव कर सकते हैं।

भारत में टैरिफ ज्यादा

एक्सपर्ट्स का मानना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ के भारत के कई सेक्टर्स बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं. ET की रिपोर्ट के अनुसार, VT मार्केट्स में ग्लोबल स्ट्रेटेजी ऑपरेशंस के प्रमुख रॉस मैक्सवेल का कहना है कि भारत ऐतिहासिक रूप से अमेरिकी उत्पादों को ज्यादा टैरिफ लगाता रहा है, जबकि भारतीय उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ अपेक्षाकृत कम है। ऐसे में भारत डोनाल्ड ट्रंप के निशाने पर रह सकता है। खासकर, भारत की फार्मा, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर और टेक्सटाइल इंडस्ट्री यूएस टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं।

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इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट

अमेरिका को भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट वित्त वर्ष 2024 में करीब 11.1 अरब डॉलर का रहा है। भारत द्वारा अमेरिका को किए जाने वाले कुल निर्यात में इलेक्ट्रॉनिक्स का योगदान 14% है। भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में मोबाइल फोन की हिस्सेदारी ज्यादा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टैरिफ बढ़ने से एप्पल जैसी कंपनियों को अपनी भारत प्रोडक्शन रणनीति के बारे में पुन: विचार करने की जरूरत महसूस हो सकती है, जो भारत कीइस इंडस्ट्री के लिए अच्छा नहीं होगा।

जेम्स एंड ज्वेलरी

जेम्स एंड ज्वेलरी सेक्टर में भारत ग्लोबल लीडर है। इस कैटेगरी में भारत के कुल 33 अरब डॉलर के निर्यात में अमेरिका की हिस्सेदारी 30% यानी 9.9 अरब डॉलर की है। इसमें कट एंड पॉलिश्ड डायमंड, गोल्ड ज्वेलरी और लैब-ग्रोन डायमंड शामिल हैं। एमके ग्लोबल का कहना है कि इस सेक्टर पर अमेरिका के भारी टैरिफ का असर बहुत ज्यादा हो सकता है। ऐसी स्थिति में भारतीय निर्माता सिंगापुर, UAE या ओमान जैसे देशों को अपना ठिकाना बना सकते हैं, जहां भारतीय उत्पादों की तुलना में अमेरिका का टैरिफ कम होगा। इसके अलावा, निर्यात में कमी से इस सेक्टर में रोजगार के अवसर भी प्रभावित हो सकते हैं।

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फार्मा सेक्टर

फार्मा सेक्टर की बात करें, तो भारत अमेरिका को 47% जेनेरिक मेडिसिन की सप्लाई करता है और यह अमेरिका के हेल्थकेयर सिस्टम का एक महत्वपूर्ण पार्टनर है। भारत की जेनेरिक दवाएं सस्ती हैं, इस वजह से अमेरिका में इसकी अच्छी डिमांड रहती है। लेकिन टैरिफ बढ़ने से दवाएं भी महंगी हो सकती हैं, जिनसे इसकी यूएस मार्केट पर पकड़ ढीली पड़ सकती है। ग्लोबल ब्रोकरेज एजेंसी Nomura का कहना है कि अगर फार्मा सेक्टर के लिए 10% टैरिफ का ऐलान होता है, तो भारत के फार्मा स्टॉक्स में पॉजिटिव रिएक्शन दिखाई दे सकता है, लेकिन 10% से अधिक टैरिफ का असर नकारात्मक होगा।

ऑटोमोबाइल 

भारत भले ही सीधे तौर पर अमेरिका को कारों न भेजता हो, लेकिन यूएस के ऑटो पार्ट्स मार्केट में उसकी अच्छी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2024 में भारत के कुल ऑटो कॉम्पोनेन्ट एक्सपोर्ट्स में अमेरिका की हिस्सेदारी 27% थी। भारत से इंजन पार्ट्स, ट्रांसमिशन कंपोनेंट्स और इलेक्ट्रिकल सिस्टम सहित कई तरह के प्रोडक्ट अमेरिका जाते हैं। ऐसे में ट्रंप के टैरिफ कार्ड से भारत का प्रभावित होना लाजमी है। सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, जो अपना 66% राजस्व अमेरिका और यूरोप से प्राप्त करती है, को मार्जिन पर दबाव का सामना करना पड़ सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन पर टैरिफ सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि भारत का एक्सपोर्ट बेस डायवर्सिफाई है, जिसका उसे फायदा मिलेगा।

टेक्सटाइल

भारत के टेक्सटाइल और अपैरल एक्सपोर्ट में भी अमेरिका की बड़ी हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2024 में भारत का अमेरिकी एक्सपोर्ट 9.6 अरब डॉलर रहा था, जो इंडस्ट्री के कुल एक्सपोर्ट का 28% है। जानकारों का कहना है कि ये सेक्टर बांग्लादेश और विएतनाम से प्रस्तिपर्धा का सामना कर रहा है। अगर टैरिफ बढ़ता है, तो भारतीय उत्पाद महंगे हो जाएंगे और बांग्लादेश एवं विएतनाम को इसका लाभ मिल सकता है। एमके ग्लोबल का कहना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने से इस सेक्टर पर बड़ी मार पड़ सकती है।

यह भी पढ़ें – Reciprocal Tariff: किन देशों पर पड़ेगी सबसे ज्यादा मार, सामने आए नाम! क्या भारत है शामिल?

First published on: Apr 02, 2025 02:32 PM

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