Crypto Market: अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप राज शुरू होने के बाद से सोने की कीमतें तेजी से चढ़ी हैं। इसी तरह, क्रिप्टोकरेंसी का बाजार भी मजबूत हुआ है। ट्रंप क्रिप्टो समर्थक माने जाते हैं और सत्ता संभालने के बाद उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे इस डिजिटल करेंसी के प्रति आकर्षक बढ़ा है। हालांकि, चीन के AI मॉडल और ट्रंप की टैरिफ नीतियों के चलते मार्केट कुछ हद तक प्रभावित भी हुआ है।
मार्केट कैप बढ़ा
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अब तक क्रिप्टो को लेकर कुछ बड़े कदम उठाए गए हैं। इसमें नेशनल क्रिप्टो रिजर्व और स्टेबलकॉइन रेगुलेशन शामिल हैं। इनके चलते जनवरी 2025 में क्रिप्टो मार्केट में अच्छी खासी मजबूती दर्ज की गई। यह 3.76 ट्रिलियन डॉलर के शिखर पर पहुंच गया है, जो बाजार पूंजीकरण (Market Capitalisation) में 4.3% मासिक वृद्धि दर्शाता है।
मजबूत हुआ विश्वास
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज Binance ने अपनी रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि पॉजिटिव मोमेंटम ने क्रिप्टो में निवेशकों के विश्वास को मजबूत किया है। रिपोर्ट के अनुसार, नीतिगत बदलावों ने क्रिप्टो को लेकर अधिक अनुकूल वातावरण की उम्मीद जगाई है। इस वजह से मार्केट में गतिविधि बढ़ रही है और प्रमुख क्रिप्टो एसेट नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही हैं।
अभी थोड़ी सुस्ती
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जनवरी के अंत में क्रिप्टो मार्केट में सुस्ती आई है। दरअसल, चीन ने कथित तौर पर अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बहुत कम लागत और काफी कम संसाधनों के साथ एक AI मॉडल डीपसीक विकसित किया है। इसने अमेरिकी तकनीकी क्षेत्र में ओवरवैल्यूएशन के बारे में चिंताएं बढ़ाईं और बाजार में तीखी प्रतिक्रिया हुई, जिससे यूएस मार्केट और क्रिप्टोकरेंसी दोनों बाजारों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ।
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क्या है भविष्य?
बिटकॉइन की कीमत इस समय 95,845.01 डॉलर चल रही है। हालांकि, कुछ वक्त पहले इसने एक लाख का आंकड़ा पार कर लिया था। इस साल अब तक इसमें केवल 3.75% का उछाल आया है। एक्सपर्ट्स क कहना है कि डीपसीक के चलते बिटकॉइन की कीमतें प्रभावित हुई हैं। AI में चीन के कदम से टेक कंपनियों के शेयरों में जमकर बिकवाली हुई है, जिसने क्रिप्टो मार्केट खासकर बिटकॉइन को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, उनका यह भी कहना है कि अमेरिकी सरकार की क्रिप्टो समर्थित नीतियों के चलते बिटकॉइन में संभावनाएं बनी हुई हैं।