US-China Trade War: अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर तेज हो गई है। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के जवाब में चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ का ऐलान किया है। चीन ने अमेरिकी कोयले और LNG उत्पादों पर अतिरिक्त 15% टैरिफ लगाया है। इसके साथ ही अमेरिकी कच्चे तेल एवं अन्य उत्पादों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इससे पहले, अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर 10% टैरिफ की घोषणा की थी।
और बढ़ेगा गतिरोध
चीन के वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 10 फरवरी से अमेरिका से आयातित कोयले और LNG (Liquefied Natural Gas) पर 15% का अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। इसके अलावा, कच्चे तेल, कृषि उपकरण और कुछ कारों पर भी अतिरिक्त 10% अधिक शुल्क लगेगा। चीन की इस जवाबी कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच गतिरोध और बढ़ सकता है।
‘राहत’ नहीं मिलने से नाराज
चीन ने एक बार फिर से यह दोहराया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीनी वस्तुओं पर लगाया गया 10% अतिरिक्त शुल्क विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन करता है। बता दें कि ट्रंप ने सोमवार को कनाडा और मैक्सिको के खिलाफ 25% टैरिफ लगाने के फैसले पर फिलहाल 30 दिनों के लिए रोक लगा दी, लेकिन चीन को लेकर उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इससे चीन और ज्यादा नाराज हो गया है। इसलिए उसने मंगलवार को जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का ऐलान कर डाला।
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कौन से कृषि उत्पाद आते हैं US से?
चीन अब तक बड़े पैमाने पर अमेरिका से कृषि उत्पाद खरीदता आया है। इसमें कंबाइन हार्वेस्टर मशीन, कृषि ड्रोन, बुवाई और रोपण उपकरण, स्प्रिंकलर सिस्टम और ड्रिप इरिगेशन सेटअप जैसे आधुनिक सिंचाई उपकरण के साथ-साथ प्लाऊ, रोटावेटर जैसे अन्य उपकरण शामिल हैं। इस तरह कृषि से जुड़ी अमेरिकी कंपनियों के लिए चीन बड़ा बाजार रहा है। हालांकि, टैरिफ बढ़ने से उनकी कमाई प्रभावित होना लाजमी है।
LNG का भी बड़ा कारोबार
इसी तरह, अमेरिका और चीन के बीच LNG का बिजनेस भी काफी बड़ा है। पिछले साल यानी 2024 में चीन ने अमेरिका से लगभग 3.9 मिलियन टन LNG का आयात किया था, जो उसकी कुल LNG आपूर्ति का लगभग 6% था। हाई टैरिफ से इस बाजार के भी प्रभावित होने की आशंका है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका और चीन के इस कदम से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है।
मुश्किल है आने वाला समय
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका और चीन दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, ऐसे में उनके बीच टकराव बढ़ने से पूरी दुनिया किसी न किसी रूप में प्रभावित हो सकती है। जैसा कि डोनाल्ड ट्रंप का मिजाज रहा है, उन्हें चीन की यह जवाबी कार्रवाई पसंद नहीं आएगी। ऐसे में संभव है कि वे चीन के खिलाफ कुछ और कड़े कदम उठाएं, जिनसे दुनियाभर का बाजार प्रभावित हो। लिहाजा आने वाला समय काफी मुश्किल रहने वाला है।