Senior Citizen Train Fare Concession: रेलवे की संसदीय स्थायी समिति ने एक बार फिर सरकार से वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को रियायतों के संबंध में निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कहा है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में रेलवे से अपने पहले के फैसले की समीक्षा करने और कम से कम स्लीपर क्लास और 3ए क्लास में वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने पर विचार करने का आग्रह किया।
समिति ने अपनी पहले की सिफारिश को दोहराया है ताकि कमजोर और वास्तव में जरूरतमंद नागरिक इन दो वर्गों में सुविधा का लाभ उठा सकें।
समिति ने एक बयान में बताया कि क्यों छूट देनी चाहिए। समिति अपनी उपरोक्त रिपोर्ट में निहित अपनी पिछली सिफारिशों को दोहराती है और रेलवे से आग्रह करती है कि इस समिति को सूचित करते हुए विशेष रूप से स्लीपर क्लास और 3ए क्लास में वरिष्ठ नागरिकों को किराए में रियायतों की बहाली के लिए सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।
सीनियर सिटीजन यात्रियों को मिलने वाली रियायत क्यों बंद हुई?
COVID-19 महामारी के प्रसार और देशव्यापी लॉकडाउन के बाद 20 मार्च, 2020 को वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे रियायतें वापस ले ली गईं। चूंकि कोरोना वायरस की स्थिति अब सामान्य हो गई है और रेलवे ने सामान्य वृद्धि हासिल कर ली है, इसलिए समिति ने रेल मंत्रालय से इस पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
रेलवे से यात्रा करते समय वरिष्ठ नागरिकों को कितनी रियायत मिली?
राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के पुरुष यात्रियों को किराए में 40 प्रतिशत की छूट प्रदान करता था और महिलाओं के लिए न्यूनतम आयु 58 वर्ष होने पर 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी। ये रियायतें मेल/एक्सप्रेस/राजधानी/शताब्दी/दुरंतो समूह की ट्रेनों के सभी वर्गों के किराए में दी गई थीं।