Risk Free Investment Options: लोग अक्सर आगे की जरूरतों के लिए अपनी इनकम से कुछ पैसा बचा लेते हैं। बढ़ती महंगाई और बुढ़ापे को देखते हुए परेशान जनता यह काम जरूर करती है। कोई सेविंग कर लेता है तो कोई इन्वेस्ट। कई लोग इन्वेस्टमेंट करने की सोचते तो हैं पर जोखिम के डर से पैसा इन्वेस्ट करने से बचते हैं। चलिए आपको उन 7 ऑप्शन के बारे में बताते हैं जिनमें आप बिना जोखिम के अपना पैसा इन्वेस्ट कर सकते हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी का मतलब है एक ऐसा अकाउंट जिसमें मैच्योरिटी का टाइम पूरा होने तक पैसे जमा किए जाते हैं और इसपर इन्वेस्टर्स को निश्चित किया गया ब्याज मिलता है। इसे लोग अक्सर बिना रिस्क के इन्वेस्टमेंट करने का अच्छा ऑप्शन मानते हैं।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (पीओएमआईएस)
इसे डाक घर मासिक आय योजना भी कहा जाता है। यह भारत सरकार चलाती है और यह एक छोटी बचत योजना है। जिसमें इन्वेस्टर्स हर महीने एक स्पेसिफिक पैसों को अलग कर बचाते हैं। बाद में लागू की गई ब्याज दर (इंटरेस्ट रेट) पर इस इन्वेस्टमेंट में ब्याज लगाया जाता है और महीने के आधार पर जमा करने वाले को भुगतान किया जाता है।
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस)
इसे वरिष्ठ नागरिक बचत योजना के नाम से भी जाना जाता है। यह एक तरह से फिक्स्ड इनकम स्मॉल सेविंग स्कीम द्वारा ऑफर की जाने वाली सबसे ज्यादा ब्याज दरों (इंटरेस्ट रेट्स) में से एक है। एससीएसएस के ब्याज दर का रिव्यू हर तीन महीनों में किया जाता है और यह टाइम के साथ-साथ बदलती रहती है।
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मंथली इनकम म्यूचुअल फंड्स
इसमें प्रॉफिट का जितना हिस्सा होता है वह इन्वेस्टर को हर महीने मिलता है लेकिन ऐसा जरुरी नहीं कि हर महीने एक फिक्स अमाउंट प्रॉफिट ही मिलेगा। इस तरह के फंड में इन्वेस्ट ज्यादातर डेट और मनी मार्केट में किया जाता है इसलिए इसमें इन्वेस्ट करने पर जोखिम/रिस्क कम होता है। हालांकि, इसमें एक इन्वेस्टर को कम जोखिम पर ज्यफा रिटर्न मिल जाते हैं।
कॉर्पोरेट फिक्स्ड डिपॉजिट्स
कॉरपोरेट एफडी एक तरह से फिक्स्ड डिपॉजिट का ही प्रकार होता है। इसमें नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां और दूसरी कंपनियां एक तय किए गए टाइम पर इंवेस्टर्स को पैसा जमा करने की फैसिलिटी देती हैं। जानकारी के लिए बता दें कि, इस एफडी पर कंपनियां बैंक और बाकी फाइनेंस कंपनियों से ज्यादा ब्याज/इंटरेस्ट देती हैं।
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गवर्नमेंट बॉन्ड
गवर्नमेंट बॉन्ड जिसे सरकारी बॉन्ड भी कहा जाता है। सरकार कभी-कभी अपनी पैसे की जरूरतों को पूरा करने के लिए बॉन्ड जारी करती है। इसमें लोग, कंपनियां अपने पैसे इन्वेस्ट करते हैं। इसमें इन्वेस्ट करने पर पैसा सुरक्षित माना जाता है। तय किए गए टाइम के बाद सरकार इन्वेस्टर्स को ब्याज दरों के मुताबिक ब्याज समेत पैसा रिटर्न कर देती है।