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अडाणी पोर्ट्स ने जारी किया अब तक का सबसे बड़ा बॉन्ड, LIC ने लगाए पैसे

भारत की सबसे बड़ी पोर्ट कंपनी अडाणी पोर्ट्स ने एक बड़ा कदम उठाते हुए 15 साल के लिए 5,000 करोड़ रुपये का बॉन्ड जारी किया है। खास बात यह है कि इस पूरे बॉन्ड को देश की जानी-मानी बीमा कंपनी LIC ने खरीदा है, जिससे कंपनी को बड़ी ताकत मिली है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: May 30, 2025 15:11
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Photo Credit: Google

भारत की सबसे बड़ी पोर्ट कंपनी अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने एक बड़ा वित्तीय कदम उठाया है। कंपनी ने 15 साल की अवधि के लिए 5,000 करोड़ रुपये के बॉन्ड जारी किए हैं, जो अब तक का उसका सबसे लंबा घरेलू बॉन्ड इश्यू है। इस डील को भारत की प्रतिष्ठित बीमा कंपनी LIC ने पूरी तरह सब्सक्राइब किया है। यह सौदा न केवल कंपनी की मजबूत साख को दिखाता है, बल्कि इसके लंबे समय के विजन और फाइनेंशियल प्लानिंग की भी मिसाल है। आइए जानें इस बड़ी डील से कंपनी को क्या फायदे होंगे।

अडाणी पोर्ट्स ने एक झटके में जुटाए 5,000 करोड़

अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने 5,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने यह पैसा 15 साल के लिए नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) बेचकर जुटाया है। यह अब तक का कंपनी का सबसे लंबी अवधि वाला बॉन्ड है। इस बॉन्ड को देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने पूरा खरीद लिया है। इसका मतलब है कि इस बॉन्ड में सारा पैसा LIC ने लगाया है। इन बॉन्ड्स पर कंपनी हर साल 7.75% की दर से ब्याज देगी। यह बॉन्ड BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) पर लिस्ट होंगे। कंपनी इस पैसे का इस्तेमाल अपने विदेशी कर्ज (डॉलर में लिए गए बॉन्ड्स) को चुकाने में करेगी। इस योजना को मंजूरी 31 मई को होने वाली बोर्ड मीटिंग में दी जाएगी।

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कर्ज की औसत अवधि बढ़ी

इस डील के जरिए अडाणी पोर्ट्स ने अपने कर्ज चुकाने का समय बढ़ा लिया है। पहले कंपनी को कर्ज चुकाने में औसतन 4.8 साल लगते थे, अब यह समय बढ़कर 6.2 साल हो गया है। इसका मतलब कंपनी को अपना कर्ज चुकाने के लिए अब ज्यादा समय मिल गया है। कंपनी ने बताया कि यह बदलाव उनके पूंजी प्रबंधन योजना का हिस्सा है। इस योजना के तीन मुख्य उद्देश्य हैं…

  • कर्ज को लंबी अवधि वाला बनाना
  • ब्याज की लागत कम करना
  • फंड जुटाने के नए तरीके ढूंढना

कंपनी के CEO और निदेशक अश्विनी गुप्ता ने कहा, ‘यह सिर्फ पैसा जुटाने का तरीका नहीं है, बल्कि एक लंबी सोच का हिस्सा है। इसका मकसद है अडाणी पोर्ट्स को दुनिया की सबसे बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनी बनाना’ अडाणी पोर्ट्स ने यह भी बताया कि वह वित्त वर्ष 2030 (FY30) तक हर साल 1 अरब टन माल (कार्गो) संभालने का लक्ष्य रख रही है। यह मात्रा अभी (FY25) की तुलना में लगभग दोगुनी है।

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‘AAA/Stable’ रेटिंग से मिला भरोसा

अडाणी पोर्ट्स के इस बॉन्ड को देश की सभी बड़ी रेटिंग एजेंसियों CRISIL, ICRA, CARE और इंडिया रेटिंग्स ने ‘AAA/Stable’ रेटिंग दी है। इसका मतलब है कि यह बहुत सुरक्षित माना गया है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा और कंपनी को लंबे समय के लिए पैसा आसानी से मिल गया। यह बॉन्ड भारत के बॉन्ड बाजार के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाला अहम डेबेन्चर माना जा रहा है। इस वित्तीय सफलता से कंपनी को “पेशेंस कैपिटल” मिलती है, जो लॉन्ग टर्म प्लान, बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू करने और नई टेक्नोलॉजी लाने में मदद करेगा।

भारत से लेकर विदेश तक मजबूत उपस्थिति

APSEZ (अडाणी पोर्ट्स) भारत की सबसे बड़ी बंदरगाह और माल ढोने वाली (लॉजिस्टिक) कंपनी है। इसके पास भारत के पश्चिमी तट पर 7 और पूर्वी तट पर 8 पोर्ट हैं। यह कंपनी पूरे देश के बंदरगाहों के कुल काम का 27% हिस्सा संभालती है। भारत के अलावा यह कंपनी श्रीलंका के कोलंबो, इजराइल के हैफा और तंजानिया के दार एस सलाम में भी पोर्ट चला रही है। कंपनी का सपना है कि वह ‘पोर्ट से लॉजिस्टिक्स’ तक एक पूरा नेटवर्क बनाए, जिसमें माल रखने के गोदाम, लॉजिस्टिक पार्क और औद्योगिक इलाके (इंडस्ट्रियल जोन) भी हों। अब जो कंपनी ने नया बॉन्ड जारी किया है, उससे जो पैसा मिला है, उससे कंपनी अपने विदेशी कामों को और तेजी से बढ़ा पाएगी।

First published on: May 30, 2025 03:11 PM

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