Gautam Adani: अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी के छोटे बेटे जीत अडाणी की शादी से पहले अडाणी परिवार ने ‘मंगल सेवा’ की घोषणा की है। इस सेवा के तहत नवविवाहित दिव्यांग महिलाओं को सहायता प्रदान की जाएगी। जानकारी के अनुसार इस पहल के तहत शुरुआत में हर साल 500 विकलांग महिलाओं को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मेरा बेटा जीत और बहू दिवा अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत एक पुण्य संकल्प से कर रहे हैं। जीत और दिवा ने प्रति वर्ष 500 दिव्यांग बहनों के विवाह में प्रत्येक बहन के लिए 10 लाख का आर्थिक सहयोग कर ‘मंगल सेवा’ का संकल्प लिया है।
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि मेरा बेटा जीत और बहू दिवा अपने वैवाहिक जीवन की शुरुआत एक पुण्य संकल्प से कर रहे हैं।
जीत और दिवा ने प्रति वर्ष 500 दिव्यांग बहनों के विवाह में प्रत्येक बहन के लिए 10 लाख का आर्थिक सहयोग कर ‘मंगल सेवा’ का संकल्प लिया है।
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— Gautam Adani (@gautam_adani) February 5, 2025
दिव्यांग बेटियों व उनके परिवारों का जीवन सुख, शांति और सम्मान से आगे बढ़ेगा
गौतम अडाणी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि एक पिता के रूप में यह ‘मंगल सेवा’ मेरे लिए परम संतोष और सौभाग्य का विषय है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस पावन प्रयास से अनेकों दिव्यांग बेटियों व उनके परिवारों का जीवन सुख, शांति और सम्मान से आगे बढ़ेगा। मेरी प्रभु से यही प्रार्थना है कि वह जीत और दिवा को सेवा के इस पथ पर निरंतर आगे बढ़ने का आशीर्वाद और सामर्थ्य दें।
7 फरवरी 2025 को दिवा शाह से अहमदाबाद में शादी करेंगे जीत अडाणी
“सेवा साधना है, सेवा प्रार्थना है और सेवा ही परमात्मा है”, गौतम अडाणी ने अपनी इस समाजसेवी सोच के जरिए एक्स पर अपनी खुशी जाहिर की। बता दें गौतम अडाणी के पुत्र जीत अडाणी 7 फरवरी 2025 को दिवा शाह से अहमदाबाद, गुजरात में शादी करने जा रहे हैं। शादी से पहले जीत अडाणी ने अपने घर पर 21 दिव्यांग नव दंपतियों से मुलाकात की और इस पहल की शुरुआत की।
अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के निदेशक हैं जीत अडाणी
फिलहाल जीत अडाणी, अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स के निदेशक हैं, जो भारत की सबसे बड़ी एयरपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी है और 8 एयरपोर्ट का प्रबंधन और विकास कर रही है। इसके अलावा वह अडाणी ग्रुप के डिफेन्स, पेट्रोकेमिकल्स और कॉपर बिजनेस की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। साथ ही वह समूह के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का नेतृत्व भी नेतृत्व भी कर रहे हैं। बता दें वह अपनी मां, डॉ. प्रीति अडाणी से प्रेरित हैं, जिन्होंने अडाणी फाउंडेशन को एक छोटे ग्रामीण प्रोजेक्ट से एक वैश्विक सामाजिक परिवर्तन संस्था में बदला। जीत अडाणी भी समाजसेवा में गहरी रुचि रखते हैं। खासतौर पर वे दिव्यांगों की सहायता के लिए काम करना चाहते हैं।