5 Days Banking: क्या 5-डेज बैंकिंग को मंजूरी मिलेगी? यह आज के समय में सबसे बड़ा सवाल है। मौजूदा व्यवस्था के तहत बैंक रविवार के साथ-साथ दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं। बैंक कर्मचारी लंबे समय से हर शनिवार को साप्ताहिक घोषित करने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि जब LIC में सप्ताह के पांच दिन काम होता है, तो फिर बैंकों में भी यह संभव है। पिछले कुछ सालों में बैंकों का कामकाज बढ़ा है, इसलिए उन्हें भी यह सुविधा दी जानी चाहिए।
2023 में बनी सहमति
भारतीय बैंक संघ (IBA) और बैंक यूनियनों के बीच दिसंबर 2023 में 5-डेज बैंकिंग के प्रस्ताव पर सहमति बनी थी। हालांकि, इसके लिए RBI और सरकार की मंजूरी भी जरूरी है। मार्च 2024 में, IBA और बैंक यूनियनों ने 9वें संयुक्त नोट पर हस्ताक्षर किए, जिसमें 5-दिवसीय कार्य सप्ताह अपनाने की योजना पर प्रकाश डाला गया। बैंक यूनियनों ने बाकायदा एक प्रस्ताव तैयार कर बताया है कि कैसे हर शनिवार छुट्टी से बैंकों का कामकाज प्रभावित नहीं होगा.
अब हड़ताल की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स में पहले खबर आई थी कि 2024 की समाप्ति तक सरकार इस प्रस्ताव को मंजूर कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद उम्मीद जताई गई कि आम बजट में इस संबंध में कोई घोषणा हो सकती है, मगर यहां भी बैंककर्मियों को निराशा हाथ लगी। इसके मद्देनजर बैंक कर्मी 24 मार्च, 2025 से 2 दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जा रहे हैं। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (UFBU) के तत्वावधान में बैंक यूनियनों ने 5-डेज बैंकिंग और पर्याप्त भर्ती सहित अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया है।
यह भी पढ़ें – Gold Price Today: सोने की कीमत कम हुई या फिर बढ़ गए दाम? चेक करें लेटेस्ट प्राइस
कई जगह ऐसी व्यवस्था
बैंक कर्मचारियों का मानना है कि 5-डेज बैंकिंग से उन पर काम का दबाव कम होगा, वह अपनों के साथ कुछ अतिरिक्त समय बिता पाएंगे। साथ ही इससे उत्पादकता में और वृद्धि हो सकती है। वर्तमान में, अधिकांश वित्तीय संस्थान 5-दिवसीय कार्य सप्ताह का पालन करते हैं। केंद्र और राज्य सरकारें, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), जीवन बीमा निगम (LIC), अदालतें, स्टॉक एक्सचेंज, अधिकांश MNC और निजी कंपनियों में 5-डेज वर्किंग है। बैंकों का कामकाज पिछले कुछ समय में काफी बढ़ा है। सरकार की लगभग हर योजना बैंकों के जरिए ही संचालित होती है। इसलिए, बैंक कर्मचारियों की मांग उचित लगती है।
40 मिनट अतिरिक्त काम
हालांकि, 5-डेज बैंकिंग को लेकर कई चुनौतियां भी हैं। सबसे बड़ी चुनौती RBI की मंजूरी है। इसके अलावा, काम के घंटों, सैलरी और अन्य ऑपरेशन संबंधी बदलावों को लेकर बैंकर्स और मैनेजमेंट के बीच सहमति भी आसान नहीं होगी। एक आशंका यह भी बनी हुई है कि इससे बैंकिंग सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। वैसे बैंक यूनियन ने आश्वस्त किया है कि बैंकिंग प्रभावित नहीं होगी, क्योंकि बैंक कर्मचारी कुछ देर अतिरिक्त काम करेंगे। प्रस्ताव के अनुसार, बैंक कर्मचारी हर शनिवार की छुट्टी की भरपाई के लिए प्रत्येक दिन 40 मिनट अतिरिक्त काम करेंगे। इस तरह, बैंकों का कामकाज प्रभावित नहीं होगा।