When to Change Coolant of Car : गर्मियों में हम जिस तरह अपने शरीर का अधिक ध्यान रखते हैं, उसी तरह बढ़ते तापमान से बचाने के लिए अपनी प्यारी कार को एक्ट्रा केयर देनी चाहिए। अकसर गर्मी में कार का तापमान बढ़ जाता है। एक सीमा से अधिक तापमान बढ़ने से इंजन सीज होने का खतरा बना रहता है। आइए आपको कुछ आसान टिप्स बताते हैं जिससे आपकी कार भी रहेगी कूल और आपको उसकी सर्विस पर अधिक जेब भी ढीली नहीं करनी पड़ेगी।
कार को ठंडा रखता है कूलेंट
कार को ठंडा रखने का काम कूलेंट का होता है। दरअसल, कूलेंट डिस्टिल वाटर का एक मिस्चर होता है। लेकिन एयर टाइट होने के कारण ये भाप बन कर नहीं उड़ पताता है। कई बार उबल जाने या अधिक गर्म होने पर कार में मौजूद कूलेंट जल्दी अपनी प्रॉपर्टी खत्म कर देता है।
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इंजन और रेडिएटर में जंग लगना
हमें कूलेंट को हर महीने चेक करना चाहिए। कूलेंट गर्म होकर बॉटल में चिपक जाता है। इससे केवल पानी ही इंजन में जाता है, जो इंजन और रेडिएटर में जंग लगा देता है। इससे कार ओवरहीट होती और फिर इंजन सीज होने तक का खतरा बना रहता है।
कार ओवरहीट होती है
कूलेंट का सर्कुलेशन वाटर पंप के जरिए इंजन के आउटर चैंबर में जाता है। जिससे इंजन ठंडा रखने में मदद मिलती है। तापमान अधिक होने पर यह सर्कुलेशन तेजी से बढ़ती है। कूलेंट कम होने या न होने की स्थिति में कार ओवरहीट होती है और इंजन सीज होकर बंद हो जाएगा।
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