Cng car maintenance tips in hindi: पेट्रोल का खर्च कम करने के लिए आपने Cng car खरीदी थी। लेकिन अब आपकी सीएनजी कार में नई जैसी माइलेज नहीं रही। ऐसे में इस खबर में हम आपको बताते हैं कि कार मेंटेनेंस में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप किस तरह अपनी कार की हाई माइलेज मेंटेन रख (cng car maintenance tips) सकते हैं। जिस तरह सर्दियों में हमें अपनी सेहत की एक्स्ट्रा केयर की जरूरत पड़ती है। इसी तरह अगर हम अपनी कार का ध्यान रखें तो वह सड़क पर बेहतर परफॉमेंस देगी।
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कंपनी के पार्ट्स और पेट्रोल पर स्टार्ट
नई सीएनजी कारों में ऑटो फीचर होता है जो इंजन स्टार्ट करते हुए ऑटोमैटिक रूप में पेट्रोल पर शुरू होता है। लगभग 4 से 5 किलोमीटर चलने के बाद वह खुद से ही सीएनजी मोड़ पर आ जाता है। जिन पुरानी गाड़ियों में यह फीचर नहीं है उन्हें हमेशा इंजन को पेट्रोल पर स्टार्ट करना चाहिए। हमेशा कंपनी के सीएनजी पार्ट्स लगवाएं।
9000 km पर बदलें प्लग
कार में स्पार्क प्लग और एयर फिल्टर इंजन के दो इम्पोर्टेन्ट पार्ट्स होते हैं। पेट्रोल कार के मुकाबले सीएनजी की गाड़ियों में हमें स्पार्क प्लग को जल्दी बदल लेना चाहिए। वहीं, एयर फिल्टर को नियमित रूप से साफ करने की जरूरत पड़ती है। जानकारों की मानें तो कार स्पार्क प्लग को करीब 9000 से 10000 किलोमीटर चलाने के बाद बदलना चाहिए। वहीं, सीएनजी पर एयर फिल्टर को लगभग 4000 से 5000 किलोमीटर के बाद ही बदल लेना चाहिए।
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ऑथराइज्ड किट और क्लीनिंग
आफ्टर मार्केट से सीएनजी किट लगवाते हुए हमें सावधानी बरतने की जरूरत है। हमेशा ऑथराइज्ड किट और सर्विस सेंटर से सीएनजी किट लगवाएं। इलेक्ट्रिक वायरों में अननेसेसरी छेड़छाड़ से बचें। हमेशा उस कंपनी की किट को चुनें जो आपकी कार ब्रांड के इंजन को सपोर्ट करते हों। इसके अलावा रेगुलर कार की थ्रॉटल बॉडी क्लीनिंग करवाएं। इससे कार चलते हुए इंजन पर दबाव कम पड़ेगा और माइलेज इम्प्रूव होगी। खुले की बजाए अपनी सीएनजी कार को शेड में खड़ा करें।
सीएनजी लीक की जांच करवाएं
समय-समय पर कार में सीएनजी लीक की जांच करवानी चाहिए। कार की सर्विस तय समय (9000 km या समय, जो पहले हो जाए) पर करवाएं । इसके अलावा कार में लगे सीएनजी सिलेंडर की जांच करवानी चाहिए। पुराने सिलेंडर को साफ करने की जरूरत पड़ती है। कम दबाव या गैस के साथ कार चलाने पर इंजन के valves पर दबाव बनता है और उसमें आगे लगने का खतरा बना रहता है।