Rudraksha: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत ही अधिक महत्व होता है। रुद्राक्ष को साक्षात भगवान शिव का दर्जा दिया गया है। ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति का जीवन सफल हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में रुद्राक्ष कई प्रकार के होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 14 मुखी तक होते हैं। ऐसी मान्यता है एक मुखी रुद्राक्ष से लेकर 14 मुखी रुद्राक्ष में से कोई भी एक धारण करने से जातक को धन के साथ घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है। तो आइए आज इस खबर में रुद्राक्ष के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे- रुद्राक्ष क्या है, रुद्राक्ष धारण करने के नियम क्या होता है, रुद्राक्ष धारण करने से फायदे और नुकसान आदि के बारे में जानेंगे।
क्या है रुद्राक्ष
रुद्राक्ष एक प्रकार का बीज है, जो इलियोकार्पस गेनिट्रस नामक पेड़ से प्राप्त होता है। जब इस पेड़ में फल तैयार होता है और पककर नीचे गिर जाता है। तब उस फल के उपरी परत को हटाकर साफ करके रुद्राक्ष को प्राप्त किया जाता है। इस फल से निकले रुद्राक्ष का काफी अधिक महत्व हो जाता है। बता दें कि रुद्राक्ष पर बहुत सारी धारियां बनी होती है, इन धारियों को गिनकर ही पता लगया जाता है कि यह कितने मुखी का रुद्राक्ष हैं। रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है।
यह भी पढ़ें- रुद्राक्ष धारण करने के भी होते हैं खास नियम, लापरवाही करेंगे तो महादेव हो जाएंगे क्रोधित
रुद्राक्ष धारण करने के खास नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष बहुत ही पूजनीय और अमूल्य चीज है। रुद्राक्ष को धारण करने के लिए कुछ खास नियम होते हैं, जो निम्म प्रकार से हैं।
रुद्राक्ष को कभी भी गंदे हाथों से नहीं छूना चाहिए, क्योंकि रुद्राक्ष बहुत ही पवित्र और पूजनीय चीज हैं। इसे कभी भी स्नान करके साफ-सुथरा वस्त्र धारण करके ही छूना चाहिए।
रुद्राक्ष धारण करने से पहले भगवान शिव का मंत्र ओम नम शिवाय मंत्र का जाप करें, क्योंकि रुद्राक्ष को भगवान शिव का अंश माना गया है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में धारण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह अशुभ माना गया है।
रुद्राक्ष को कभी भी पीले या लाल रंग के धागे में ही पहनना चाहिए।
रुद्राक्ष को एक दूसरे के साथ फेरबदल करके नहीं पहनना चाहिए। ऐसा करने से पाप लगता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष की माला में मानको की संख्या हमेशा विषम होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें- Shaligram: शालिग्राम की क्यों की जाती है पूजा, जानें इसके महत्व और रहस्य
रुद्राक्ष धारण करने के चमत्कारी फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष को भगवान शिव का तीसरा नेत्र माना गया है।
ऐसी मान्यता है कि जो जातक रुद्राक्ष धारण करता है, उसके मन को शांति मिलती है। इसके साथ ही जीवन में आ रही सभी बाधाएं टल जाती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्रक्ष धारण करने से मानसिक तनाव दूर होते हैं।
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शादीशुदा रुद्राक्ष धारण करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही जीवन में प्रेम भी बढ़ता है।
रुद्राक्ष धारण करने से मस्तिष्क नियंत्रण में रहता है।
यह भी पढ़ें- ऐसे धारण करें घोड़े की नाल का छल्ला, शनि की ढैय्या-साढ़ेसाती से जल्द मिलेगी मुक्ति
रुद्राक्ष धारण करने के नुकसान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष को सही तरीके से धारण न करने से नुकसान होता है।
रुद्राक्ष को धारण करते समय उसके खास नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है।
जो जातक रुद्राक्ष को धारण करते समय उसके नियमों का पालन नहीं करता है, वह व्यक्ति पथ भ्रष्ट हो जाता है।
इसके साथ ही व्यक्ति का मन हर समय अस्थिर रहता है।
यह भी पढ़ें- घर में सुख-समृद्धि और शांति के लिए पितृ पक्ष में रोज जलाएं इस तरह 1 दीपक, होगा खूब धन-लाभ
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।