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20 अप्रैल को वैशाख अमावस्या पर होगा सूर्यग्रहण, इन उपायों को करने से दूर होंगे पितृ दोष और कालसर्प दोष, समृद्धि भी आएगी

Vaishakh Amavasya 2023: सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं में बैसाख माह को सबसे बड़ा माह माना गया है। इस माह में आने वाली अमावस्या, पूर्णिमा तथा एकादशी का भी विशेष महत्व बताया गया है। यही कारण है कि इस माह में पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किए जाते हैं। इस बार वैसाख […]

Vaishakh Amavasya 2023: सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक मान्यताओं में बैसाख माह को सबसे बड़ा माह माना गया है। इस माह में आने वाली अमावस्या, पूर्णिमा तथा एकादशी का भी विशेष महत्व बताया गया है। यही कारण है कि इस माह में पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किए जाते हैं। इस बार वैसाख माह की अमावस्या बहुत ही खास बन गई है। इस दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण भी हो रहा है। साथ ही इस दिन शनि जयंती भी आती है। इस वजह से इस दिन यदि कालसर्प दोष तथा पितृ दोष निवारण के उपाय किए जाए तो तुरंत लाभ होगा। यह भी पढ़ें: इस मंदिर में महिलाओं के वस्त्र पहन कर पुरुष करते हैं पूजा, मिलती है सरकारी नौकरी और सुंदर पत्नी!

कब है बैसाख अमावस्या

इस बार वैसाख अमावस्या 20 अप्रैल 2023 (गुरुवार) को आ रही है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग तथा प्रीति योग भी बन रहे हैं और शनि जयंती भी है। साथ ही इस दिन सूर्य ग्रहण भी हो रहा है। यद्यपि यह भारत तथा आसपास के क्षेत्रों में नहीं दिखाई देगा जिसके कारण सूतक का भी प्रभाव नहीं होगा। परन्तु इस समयकाल में किए गए तंत्र-मंत्र से जुड़े उपाय तुरंत चमत्कार दिखाएंगे। इसलिए आप भी इस दिन कुछ आसान से उपाय कर अपनी हर समस्या से मुक्ति पा सकते हैं। जानिए इन उपायों के बारे में यह भी पढ़ें: अच्छी जॉब चाहिए तो आज ही करें ज्योतिष के ये उपाय, तुरंत दिखेगा असर

वैसाख अमावस्या पर करें ये उपाय (Vaishakh Amavasya)

  • इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध, पिंडदान तथा तर्पण करना चाहिए। इससे घर तथा जन्मकुंडली में मौजूद पितृदोष समाप्त होता है और घर में शांति तथा खुशहाली आती है।
  • यदि जन्मकुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे दूर करने के लिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए शिवलिंग का अभिषेक करें एवं महादेव के मंत्रों का अधिकाधिक जप करें।
  • दक्षिण भारत में वैसाख अमावस्या को शनि जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। अत: इस दिन शनिदेव की पूजा की जानी चाहिए। सुबह जल्दी पीपल तथा बरगद के वृक्ष में जल चढ़ाएं। सायंकाल वहां पर देसी घी का दीपक जलाएं। शनि के अशुभ प्रभावों में कमी आएगी और सौभाग्य प्राप्त होगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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