Tulsi Puja Utensil: तुलसी को सनातन धर्म में पवित्र माना गया है। इसका संबंध मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु से बताया गया है। जानकारों का कहना है कि मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए तुलसी में जल देना चाहिए। अधिकतर लोग तुलसी में जल अर्पित करते हैं। मगर क्या आपको पता है कि तुलसी में जल देने के लिए किस धातु के लोटे का इस्तेमाल अच्छा है, पीतल, तांबा या स्टील? चलिए जानते हैं कि किस धातु के पात्र से तुलसी में जल देने का विधान है और इसके लिए क्या नियम है।
तांबा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तांबा से मंगल ग्रह का संबंध है। ऐसे में मंगल देव की कृपा पाने के लिए और मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए तांबे के लोटे से तुलसी में जल अर्पित करना चाहिए। चूंकि तांबा को शुभ धातु के रूप में भी स्वीकार किया गया है, इसलिए इस धातु के बर्तन से तुलसी में जल देने पर जीवन में शुभता आती है।
पीतल
पीतल का संबंध गुरु ग्रह से है। ऐसे में जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो, उन्हें पीतल के लोटे से तुलसी में जल देना चाहिए। अगर किसी जातक को वैवाहिक जीवन से जुड़ी परेशानियां हैं, उन्हें पीतल के लोटे से तुलसी में जल देना चाहिए।
स्टील
स्टील से शनि का संबंध माना गया है। पूजा-पाठ के कार्यों में स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल करना शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए तुलसी में जल चढ़ाने के लिए स्टील का पात्र उचित नहीं है। ऐसे में अगर आप तुलसी में स्टील के लोटा से जल अर्पित करते हैं तो तत्काल बंद कर दें।
तुलसी में जल देने का नियम
बिना नहाए तुलसी में जल नहीं देना चाहिए। तुलसी में हमेशा स्नान करने के बाद ही जल देना चाहिए। मान्यतानुसार, तुलसी में मां लक्ष्मी का वास है। ऐसे में जो कोई सही विधि से तुलसी में जल देते हैं, उन्हें मां लक्ष्मी की कृपा प्रााप्त होती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।