Surya Gochar: द्रिक पंचांग के अनुसार, ग्रहों के स्वामी सूर्य अभी मृगशिरा नक्षत्र में विराजमान हैं। वे कल रविवार 22 जून 2025 को 6 बजकर 28 मिनट पर आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में पड़ता है और इसका स्वामित्व छाया ग्रह राहु के पास है। ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य के अनुसार, राहु के नक्षत्र आर्द्रा में सूर्य का गोचर एक अत्यंत प्रभावशाली और विशिष्ट ज्योतिषीय घटना मानी जाती है। सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में रविवार 6 जुलाई, 2025 की सुबह 05:55 AM बजे तक रहेंगे और फिर पुनर्वसु नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे।
आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य गोचर का महत्व
ज्योतिषाचार्य हर्षवर्धन शांडिल्य बताते हैं कि जब सूर्य राहु-प्रभावित इस नक्षत्र में आते हैं, तो इसे आत्मा और माया का संगम माना गया है। प्रायः सूर्य के इस नक्षत्र गोचर को बहुत शुभ नहीं माना जाता है। राहु भ्रम पैदा करते हैं और सूर्य आत्मा का प्रतिनिधि हैं, तो इस समय जातक की आत्म-छवि को चुनौती मिल सकती है। सूर्य सत्ता, नेतृत्व और पिता के भी कारक हैं। राहु की ऊर्जा से सूर्य के दूषित होने पर राजनीतिक, प्रशासनिक और पारिवारिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। इसके अलावा मानसिक स्वास्थ्य, आंखों और हार्ट यानी हृदय से जुड़ी समस्याएं भी सामने आ सकती हैं।
करियर-नौकरी पर असर
आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य गोचर से पेशेवर जीवन में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस समय निर्णय लेने में संकोच या भ्रम की स्थिति रह सकती है। गलतफहमियां या गलत निर्णय नौकरी पर असर डाल सकते हैं।सूर्य ग्रह पद और सीनियर अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। राहु के प्रभाव से अधिकारियों से मतभेद या अनावश्यक दबाव की स्थिति बन सकती है। इस समय कोई बड़ा फैसला या बदलाव न करें। संयम, स्पष्ट संवाद और धैर्य से कामकाज की चुनौती को संभालें।
वाणिज्य-व्यापार पर असर
राहु भ्रम और अचानक बदलाव का संकेत देते हैं। व्यापार में अनपेक्षित उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। यदि आप तकनीकी, मीडिया या ऑनलाइन बिजनेस से जुड़े हैं, तो हर काम अच्छे से सोच-समझ कर करें। यदि टाल सकते हैं, तो बेहतर है। निवेश करते समय सतर्क रहें। धोखा या फरेब की संभावना है। कोई व्यक्ति या संस्था आपको भ्रमित कर सकती है। राहु का प्रभाव धोखा दिला सकता है। यह समय नया बिजनेस शुरू करने या बड़ा निवेश करने के लिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि निर्णय गलत दिशा में जा सकता है।
स्वास्थ्य पर असर
राहु मानसिक भ्रम और बेचैनी बढ़ाते हैं। इससे डिप्रेशन, चिंता और नींद की समस्याएं हो सकती हैं। सूर्य और राहु का मेल आंखों की जलन, रोशनी में परेशानी या नेत्र विकार को बढ़ा सकता है। सूर्य हृदय के कारक हैं। राहु की अशांति से ब्लड प्रेशर या दिल से जुड़ी समस्याएं उभर सकती हैं। इसलिए हृदय रोगियों को सतर्कता बरतना जरूरी है।
लव लाइफ और संबंधों पर असर
राहु की ऊर्जा संबंधों में गलतफहमी और शंका बढ़ा सकती है, जिससे रिश्तों में दूरी आ सकती है। सूर्य और राहु का मेल अहं और भ्रम को बढ़ाता है, जिससे सही संवाद बाधित होता है। छोटी बातें बड़ा रूप ले सकती हैं। राहु पुराने अधूरे मामलों और पहले के रिलेशन को दोबारा सामने ला सकता है। इससे भावनात्मक उथल-पुथल हो सकती है। दांपत्य जीवन मनमुटाव या आपसी झगड़ें बढ़ सकते हैं। रिश्तेदारों से अनबन हो सकती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।