Skanda Shashti 2024 Date Shubh Muhurat And Importance : पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत किया जाता है। भगवान शिव के तेज से उत्पन्न स्कंद को भगवान कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय को कई नामों से पुकारा जाता है।
वहीं इन्हें देवताओं का सेनापति भी कहा जाता है। दक्षिण भारत में भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। दक्षिण भारत के लोग भगवान कार्तिकेय को पार्वतीनन्दन, षडानन, मुरुगन, सुब्रह्मन्य आदि कई नामों से पुकारते हैं। वहीं पौष मास की स्कंद षष्ठी बहुत ही शुभ योग में आ रही है। इसीलिए पौष मास की स्कंद षष्ठी ज्योतिष के अनुसार बहुत ही खास बन रही है। तो आइए जानते हैं स्कंद षष्ठी के शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में…
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पौष स्कंद षष्ठी शुभ मुहूर्त
पौष मास की स्कंद षष्ठी का व्रत 16 जनवरी 2024 दिन मंगलवार को है।
षष्ठी तिथि प्रारंभ : सुबह 0216 बजे से
षष्ठी तिथि समापन : रात्रि 11:58 बजे
स्कंद षष्ठी के दिन शिव और परिघ योग का निर्माण हो रहा है। वहीं मंगलवार के दिन यह तिथि होने के कारण भी यह तिथि बहुत खास है। मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी की भी पूजा बहुत से लोग करते हैं और मंगला माता को ही मां पार्वती के नाम से जाता है। इसीलिए पौष मास की स्कंद षष्ठी का व्रत खास है कि आपको यह व्रत करने से मां पार्वती और भगवान कार्तिकेय के पिता भगवान शिव का भी आशीर्वाद मिल सकता है।
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शिव योग को शास्त्रों में उत्तम योग बताया जाता है। कहा जाता है कि शिव योग में की गई साधना अथवा कोई भी पूजा-पाठ का शीघ्र लाभ मिलता है। शिव योग को ज्योतिष में बहुत खास योगों में से एक योग माना जाता है। साथ ही पूजा-पाठ और मनोकामना पूर्ति के उपाय अगर शिव योग में किए जाते हैं तो उन उपायों का भी उत्तम फल व्यक्ति को मिलता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है।News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।