29 मार्च, 2025 को कर्मफल के स्वामी न्यायाधीश शनिदेव ढाई साल के बाद अपना राशि परिवर्तन करेंगे। शनि 29 मार्च को राशि परिवर्तन करने वाले हैं। शनि का यह राशि परिवर्तन कई राशियों के लिए समीकरण बदलेगा। इससे पहले 1995 में शनि की साढ़ेसाती शुरू हुई थी। आपको बता दें कि शनि मीन राशि में प्रवेश कर रहे हैं। शनि 29 मार्च 2025 में प्रवेश कर रहे हैं। शनि के राशि परिवर्तन करने से कई राशियों पर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या बदल जाएगी।
ज्योतिष गणना एक अनुसार, 29 मार्च को शनि के राशि परिवर्तन से जहां मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी, वहीं मेष राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही, कुंभ और मीन राशि के जातकों पर पर शनि राशि पर साढ़ेसाती रहेगी।
ऐसे में सिर्फ मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा। मेष राशि वालों के लिए शनि साढ़ेसाती राशि में आपकी कुंडली में शनि और चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करती है। इस दौरान मेष राशि वालों को रिश्तों को अहमियत देनी चाहिए। खासकर अपने रिश्तों में खास ध्यान देना चाहिए।
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शनि के राशि परिवर्तन का असर
29 मार्च 2025 को शनि ग्रह मीन राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे कई राशियों के लिए नए बदलाव देखने को मिलेंगे। शनि का यह गोचर कुछ राशियों के लिए शुभ रहेगा, जबकि कुछ को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव विशेष रूप से मेष, मीन, कुंभ और मकर राशि पर पड़ेगा।
मकर राशि: शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव समाप्त हो जाएगा, जिससे जातकों को राहत मिलेगी। करियर और व्यापार में उन्नति के योग बनेंगे।
कुंभ और मीन राशि: इन दोनों राशियों पर शनि की साढ़ेसाती जारी रहेगी, जिससे जीवन में धैर्य और मेहनत की अधिक आवश्यकता होगी।
मेष राशि: शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू होगा, जिससे मानसिक तनाव और करियर में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
मेष राशि पर शनि साढ़ेसाती का असर
मेष राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव साल 2032 तक रहेगा। मेष राशि के जातकों के लिए यह समय आत्मनिरीक्षण और धैर्य बनाए रखने का होगा। रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है, इसलिए धैर्य और समझदारी से काम लें। परिवार के साथ समय बिताना फायदेमंद होगा। नौकरी में बदलाव की संभावना बन सकती है। धैर्य बनाए रखें और सही समय पर निर्णय लें। व्यापार में सतर्कता बरतनी होगी। मानसिक तनाव बढ़ सकता है, योग और ध्यान करने से राहत मिलेगी। खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा। नए निवेश सोच-समझकर करें।
शनि गोचर का जीवन पर प्रभाव
शनि हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए यह समय आत्मसुधार और मेहनत करने का है। जीवन में आने वाली चुनौतियां हमें मजबूत बनाएंगी और सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी। ज्योतिषीय उपायों को अपनाकर शनि के प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है।
शनि की साढ़ेसाती से बचाव के उपाय
- हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।
- जरूरतमंदों को दान दें, विशेष रूप से काले तिल और सरसों का तेल।
- भगवान शिव की पूजा करें और ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जाप करें।
- शनि देव के मंत्र ‘ऊं शं शनैश्चराय नम:’ का जाप करें।
- शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें और तेल का दीपक जलाएं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।