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Mangla Gauri Vrat 2023: सातवां मंगला गौरी व्रत आज, जानें- पूजा विधि समेत पूरी जानकारी

Mangla Gauri Vrat 2023:  इन दिनों भोले भंडारी का पसंदीदा महीना सावन चल रहा है और आज श्रावण (अधिक मास), कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि और सावन महीने का सातवां मंगलवार है। दरअसल अधिक मास के कारण इस साल सावन करीब दो महीने का है। सावन मास में पड़ने वाले मंगलवार को माता मंगला गौरी व्रत का […]

Mangla Gauri Vrat puja vidhi
Mangla Gauri Vrat 2023:  इन दिनों भोले भंडारी का पसंदीदा महीना सावन चल रहा है और आज श्रावण (अधिक मास), कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि और सावन महीने का सातवां मंगलवार है। दरअसल अधिक मास के कारण इस साल सावन करीब दो महीने का है। सावन मास में पड़ने वाले मंगलवार को माता मंगला गौरी व्रत का व्रत रखने की मान्यता है। मंगला गौरी व्रत विशेष रूप से महिलाएं रखती हैं। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत के दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह व्रत महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और पुत्र प्राप्ति के लिए करती हैं।

सावन के तीसरे मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि (Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi):

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें।
  • स्नान के बाद साफ सुथरे और सूखे कपड़े पहन लें।
  • मां पार्वती का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • इसके साथ 'मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरी प्रीत्यर्थं पंचवर्ष पर्यन्तं मंगला गौरी व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का जाप करें।
  • मां मंगला गौरी (मां पार्वती) की तस्वीर लेकर चौकी में लाल या सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर रख दें।
  • आटे से दीपक बनाकर घी भरकर मां पार्वती के सामने जला दें।
  • मां मंगला गौरी का षोडशोपचार पूजन करें।
  • मां मंगला गौरी को 16 मालाएं, लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग की सामग्री, 16 चूड़ियां तथा मिठाई अर्पण करें।
  • मंगला गौरी व्रत का मंत्र मां मंगला गौरी की पूजा के साथ इस मंत्र का जाप करें- 'ॐ गौरी शंकराय नमः'

मंगला गौरी की व्रत कथा (Mangla Gauri Vrat Katha)

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, धर्मपाल नाम का एक सेठ था। धर्मपाल के पास धन की कोई कमी नहीं थी, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं थी। वे हमेशा सोच में डूबे रहते थे कि अगर उन्हें कोई संतान नहीं हुई तो उनका वारिस कौन होगा? कौन उनके व्यापार की देख-रेख करेगा? यह भी पढ़ें- Aaj ka Rashifal, 15 August 2023: अमावस्या पर पुष्य नक्षत्र में रहेगा चंद्रमा, जानिए आपके लिए दिन कैसा रहेगा  इसके बाद उन्होंने अपने गुरु के परामर्श के अनुसार माता पार्वती की श्रद्धा पूर्वक पूजा उपासना की। खुशी से भरकर माता पार्वती ने उन्हें संतान प्राप्ति का वरदान दिया, लेकिन संतान की उम्र अल्पायु होगी। कुछ समय बाद, धर्मपाल की पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दिया। यह भी पढ़ें- Aaj ka Panchang, 15 August 2023: मंगलवार को है दर्श अमावस्या, इन मुहूर्त में कर सकेंगे शुभ कार्य इसके बाद धर्मपाल ने ज्योतिषी को बुलाकर पुत्र का नामकरण करवाया और उन्हें माता पार्वती की भविष्यवाणी के बारे में बताया। ज्योतिषी ने धर्मपाल को सलाह दी कि वे अपने पुत्र की शादी उस कन्या से कराएं जो मंगला गौरी व्रत करती है। मंगला गौरी व्रत के पुण्य से उनका पुत्र दीर्घायु होगा। इसके बाद धर्मपाल ने अपने इकलौते पुत्र का विवाह मंगला गौरी व्रत रखने वाली एक कन्या से करवा दिया। कन्या के पुण्य से धर्मपाल का पुत्र मृत्यु पाश से मुक्त हो गया। इसके बाद से ही मां मंगला गौरी के व्रत करने की प्रथा आरंभ हुई।
 
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
 


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