Ram Katha Interesting Facts: राम सिया राम... अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होने में बस कुछ ही दिन बाकी है। ऐसे में हम हर रोज रामायण से जुड़े किस्से और कहानियां आप लोगों के सामने रख रहे हैं। आज इस खबर में जानेंगे कि रावण का अहंकार श्रीराम के अलावा और कौन-कौन महारथी ने तोड़ा था। आइए जानते हैं।
भगवान श्रीराम पृथ्वी पर राक्षसों को खत्म करने के लिए धरती लोक पर अवतार लिए थे। कहा जाता है कि रामायण में रावण एक ऐसा पात्र था जो सबसे अहम माना जाता है। रावण को कई प्रकार के वरदान प्राप्त थे, जिसकी वजह से रावण का घमंड बढ़ता ही जा रहा था और वह पृथ्वी लोक पर अत्याचार और पाप कर रहा था। रावण के बढ़ते अत्याचार को देखते हुए भगवान श्रीराम धरती लोक पर अवतरित हुए थे। उसके बाद श्रीराम जी ने रावण का वध किया और पूरी धरती को रावण के अत्याचारों से मुक्त कराए।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, रामजी ने रावण का घमंड चकनाचूर करके रख दिया था, लेकिन क्या आपको पता है श्रीराम के अलावा कुछ ऐसे और भी लोग थे जिन्होने रावण का घमंड तोड़ा था। आज इस खबर में उन्हीं महारथियों के बारे में विस्तार से जानेंगे, जिन्होंने रावण का घमंड और अहंकार को चूर-चूर किया था। आइए जानते हैं।
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राजा बाली ने तोड़ा था रावण का घमंड
पौराणिक कथाओं के अनुसार, वानर राज बाली को ऐसा वरदान मिला था कि जिससे भी वह लड़ाई करते थे उस व्यक्ति की आधी ताकत उनमें समाहित हो जाती थी। राजा बाली को कोई नहीं हरा सकता था। एक बार की बात है रावण और बाली युद्ध करने के लिए आमने-सामने हो गए। जिसके बाद बाली ने रावण को अपने बगल में दबा लिया और चार समुद्र का चक्कर लगाकर आ गया। कहा जाता है कि बाली सूर्य के चक्कर लगाकर अर्घ्य भी देता था।
बाली ने रावण को अपने बगल में दबाया ही रहा और साथ ही पूजा भी करता रहा। पूजा संपन्न भी हो गई। बता दें कि इस बीच रावण ने अपने आप को छुड़ाने के लिए पूरी कोशिश की थी, लेकिन उसके सभी प्रयास असफल रहे। कुछ समय बाद बाली ने स्वयं रावण को मुक्त कर दिया। कहा जाता है कि उसके बाद रावण ने कभी बाली से युद्ध नहीं किया।
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सहस्त्रबाहु अर्जुन ने रावण का तोड़ा था अंहकार
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सहस्त्रबाहु अर्जुन के एक हजार हाथ थे। कहा जाता है कि अर्जुन ने एक बार नर्मदा नदी को ही रोक दिया था। अर्जुन ने ऐसा कई बार किया था। एक बार नर्मदा नदी के बहाव में रावण की सेना बह गई। जिसके बाद रावण गुस्सा हो गया और सहस्त्रबाहु अर्जुन को युद्ध के लिए ललकारने लगा। दोनों के बीच लड़ाई शुरू होई और सहस्त्रबाहु अर्जुन ने रावण को बंदी बना लिया और जेल में डाल दिया।
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