Trendingind vs zimAstrologySuccess StoryAaj Ka RashifalHathras StampedeAaj Ka MausamBigg Boss OTT 3sarkari naukari

---विज्ञापन---

विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार हैं ये ग्रह, कुंडली के 2 भाव दोष से पड़ता है खास असर

Delay in Marriage: विवाह व्यक्ति के जीवन की एक सबसे महत्वपूर्ण और यादगार घटना है। यह एक ऐसी परंपरा है, जो परिवार की नींव रखता है। आइए जानते हैं, किन ग्रहों और कुंडली के किन भावों (घर) में दोष होने से विवाह में देरी होती है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: May 28, 2024 17:56
Share :

Delay in Marriage: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी व्यक्ति के विवाह में विलंब होने का कारण उनकी कुंडली से जुड़ा है। कुंडली के भावों (घर) में स्थित ग्रहों की स्थिति के अनुसार विवाह जल्दी या देर से होती है। कुंडली के भावों में शुभ-अशुभ ग्रहों के संयोग (युति) और उनकी परस्पर दृष्टि से विवाह में बाधाएं आती हैं या देरी होती हैं। आइए जानते हैं, विवाह के कारक भाव और ग्रह कौन-से हैं, किन ग्रहों के दूषित या कमजोर होने विवाह में विलंब होता है?

विवाह के कारक भाव

वैदिक ज्योतिष में कुंडली के सप्तम भाव को विवाह का मुख्य कारक भाव माना गया है। कुंडली में सप्तम भाव में शुभ ग्रहों के होने या इस भाव पर शुभ ग्रहों की दृष्टि होने से विवाह सही उम्र में होता है। सप्तम भाव के अलावा कुंडली का लग्न भाव, द्वितीय, पंचम, नवम, अष्टम और एकादश भाव भी विवाह के योग पर असर डालते हैं।

विवाह के कारक ग्रह

ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, किसी व्यक्ति के विवाह सुख में तीन ग्रह सबसे अधिक भूमिका निभाते हैं, ये हैं: बृहस्पति, शुक्र और मंगल। साथ ही किसी व्यक्ति के विवाह का लग्न उठने यानी ‘लगन’ लगने के लिए राहु मुख्य ग्रह है।

विवाह में देरी के लिए जिम्मेदार हैं ये ग्रह

  • विवाह में देरी होने का सबसे मुख्य कारण होता है, विवाह के कारक ग्रहों—बृहस्पति, शुक्र और मंगल—का दूषित या कमजोर होना। जब ये तीन ग्रह कुंडली के अशुभ भाव—षष्ठ, अष्टम और द्वादश—में स्थित होते हैं, तो विवाह में विलंब होता है।
  • जब विवाह के कारक ग्रहों पर अशुभ और क्रूर ग्रहों—राहु, केतु और शनि—की दृष्टि होती है या इनसे युति होती है, तब भी विवाह में देरी होती है।
  • जब कुंडली के लग्न भाव और विवाह (सप्तम) भाव में पाप (अशुभ) ग्रह और क्रूर ग्रह—राहु, केतु, शनि और मंगल—स्थित होते हैं या भावों पर इनकी दृष्टि होती है, तब शादी में बाधाएं आती हैं और विलंब होता है।
  • इसके साथ ही जब विवाह भाव यानी सप्तम भाव के ग्रह शुक्र पर किसी अशुभ ग्रह की दृष्टि होती है या वे षष्ठ, अष्टम और द्वादश भाव में होते हैं, तो विवाह पर संकट होता है और देर लगती है।

ये भी पढ़ें: Shadi ke Upay: विवाह में देरी, तय रिश्ते टूटने जैसी शादी की अड़चनें दूर करने के 4 उपाय

ये भी पढ़ें: इन 4 राशियों के लोग होते हैं ‘मास्टर माइंड’, अपने हक में कर सकते हैं हर हालात

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 28, 2024 05:56 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें
Exit mobile version