डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Pitru Paksha Shradh 2023: साल 2023 में पितृ पक्ष 29 सितंबर यानी कल से शरू हो रहा है। जिसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। ऐसे में पितृ पक्ष के 16 दिनों पतरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान करने की परंपरा है। कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान जो कोई अपने पूर्वजों क आत्मा की तृप्ति के लिए ये कार्य करते हैं, उन्हें पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिसके शुभ प्रभाव से वंश विद्धि होती है, घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा पितरों को खुश करने से पितृ दोष भी खत्म हो जाते हैं। शास्त्रों पितृ तर्पण को लेकर कुछ खास नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं कि पितृ पक्ष में पितरों के तर्पण, श्राद्ध और पिंडदान के लिए किन चीजों का होना बेहद जरूरी है।
गाय का दूध
पितृ पक्ष के दौकान श्राद्ध-कर्म में गाय का घी, दूध या दही का इस्तेमाल करना शुभ माना गया है। हालांकि इसमें इस बात का ध्यान रखना होता है कि गाय को बच्चा हुए दस दिन से अधिक हो गए हों। दस दिन के अंदर बछड़े को जन्म देने वाली गाय के दूध का उपयोग श्राद्ध कर्म में नहीं करना चाहिए।
यह भी पढ़ें: पितृ पक्ष में रोजाना करें इस स्तोत्र और कवच का पाठ, पूर्वज हर समय करेंगे आपकी रक्षा
चांदी के बर्तन
शास्त्रों में बताया गया है कि पितृ-पक्ष में अपनी क्षमता के अनुसार चांदी के बर्तनों का इस्तेमाल करना चाहिए। ऐसे में अगर किसी के पास सभी बर्तन ना हो तो कम से कम चांदी के गिलास में पानी जरूर देना चाहिए। पौराणिक मान्यता है कि पितृ पक्ष में चांदी के बर्तन में पानी देने से पितरों को अक्षय तृप्ति प्राप्त होती है। भोजन के बर्तन भी चांदी के हों तो और भी अच्छा है।
पितृ तर्पण में इस्तेमाल की जाने वाली चीजें
पितृप क्ष में श्राद्ध की सामग्रियों में कुछ चीजों का होना बेहद जरूरी है। ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का तर्पण करने वालों को गंगाजल, दूध, शहद, कुश और तिल का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। ध्यान रहे कि पितृ तर्पण में सफेद तिल का खास महत्व है। ऐसे में पितृ तर्पण में इसका इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।