Panchak 2023: किस दिन पंचक काल का क्या महत्व और कौन से काम वर्जित?
Panchak in Astrology: हिन्दू धर्म में किसी भी कार्यों को करने से पहले अगर शुभ समय को देख लिया जाए, तो कार्य में किसी तरह की समस्या आने से रोका जा सकता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पंचक पर भी खास गौर किया जाता है। पंचक में अग्नि पंचक को सबसे खतरनाक माना जाता है। पंचक काल में कुछ कार्यों को करने की मनाही भी होती है। वहीं, क्या आप जानते हैं कि पंचक की शुरुआत जिस दिन से होती है उसके मुताबिक काम करना हमारे लिए फलदायक और नुकसानदायक साबित हो सकता है।
ज्योतिषाचार्य डॉ. संजीव कुमार शर्मा ने पंचक से संबंधित कुछ बातों के बारे में जानकारी दी है। आइए जानते हैं कि पंचक क्या होता है? किस दिन पंचक काल का क्या महत्व है? और पंचक काल में कौन से काम वर्जित है?
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पंचक काल क्या होता है?
ज्योतिषाचार्य डॉ. संजीव कुमार शर्मा के अनुसार चन्द्रमा का धनिष्ठा नक्षत्र के तीसरे चरण और शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र के चारों चारणों में भर्मण पंचक का कारण बनता है। खगोल विज्ञान के अनुसार 360 डिग्री वाले भचक्र में पृथ्वी जब 300 से 360 डिग्री के मध्य भ्रमण करती है तो उस समय में पृथ्वी पर चंद्रमा का प्रभाव अत्यधिक होता है। इस अवधि को ही पंचक काल कहते है।
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पंचक काल में कौन से काम वर्जित?
- लकड़ी खरीदना
- घर की छत डालना
- दक्षिण दिशा की यात्रा करना
- पलंग बनाना या खरीदना
- लाश को जलाना
पंचक की शुरुआत के दिन का प्रभाव अलग-अलग
ज्योतिष डॉ. संजीव कुमार शर्मा के अनुसार हर महीने में आने वाले पंचक सप्ताह के सात दिनों में से किसी भी दिन शुरू हो सकते है। इनका प्रभाव भी अलग होता है।
- रविवार को शुरू होने वाले पंचक को रोग पंचक कहते हैं। इसके प्रभाव से 5 दिन शारिरिक और मानशिक परेशानी के होते है। इस पंचक में कोई शुभ कार्य न करें।
- सोमवार व बुधवार को शरू होने वाले पंचक को राज पंचक कहते है । यह पंचक शुभ माना जाता है। इसके प्रभाव से इन पांच दिनो में सरकारी कार्यों में सफलता मिलती है। राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है
- मंगलवार और गुरुवार को शुरु होने वाले पंचक को अग्नि पंचक कहते है। इन 5 दिनों कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैंसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम करने चाहिए। इस पंचक में निर्माण कार्य, मशीनरी का काम शुरु करने को अशुभ माना गया है।
- शुक्रवार को शुरू होने वाले पंचक को चोर पंचक कहते है। इस पंचक में यात्रा न करें। इस पंचक में व्यापार, लेनदेन और कोई भी सौदा न करें।
- शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक होता है। ये पंचक मृत्यु के समान कष्ट देने वाला होता है। इन 5 दिनों किसी भी जोखिम भरा काम न करें। इसके प्रभाव से विवाद, चोट और दुर्घटना का खतरा रहता है।
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पंचक के नक्षत्रों के प्रभाव
- धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का डर रहता है।
- शतभिषा नक्षत्र मैं कलह होने का जोखिम रहता है।
- पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में रोग बढने का खतरा रहता है।
- उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में धन के रूप में दंड मिलता है।
- रेवती नक्षत्र में धन हानि का खतरा रहता है ।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है और जानकारी केवल सूचना के लिए दी गई है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें।
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