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जानिए कब है निर्जला एकादशी! इन उपायों से भगवान विष्णु और शिव देंगे मनचाहा वर

Nirjala Ekadashi 2023: पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की प्रिय तिथि बताया गया है। इनमें भी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (अथवा निर्जला एकादशी 2023) का व्रत सर्वोत्तम माना गया है। निर्जला एकादशी के व्रत से भक्तों को पूरे वर्ष की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य प्राप्त […]

Nirjala Ekadashi 2023: पौराणिक एवं धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की प्रिय तिथि बताया गया है। इनमें भी ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी (अथवा निर्जला एकादशी 2023) का व्रत सर्वोत्तम माना गया है। निर्जला एकादशी के व्रत से भक्तों को पूरे वर्ष की सभी एकादशियों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। यह भी पढ़ें: सभी कष्टों की काट है हनुमान चालीसा की ये चौपाई, ऐसे करें प्रयोग

कब है निर्जला एकादशी व्रत

पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 30 मई 2023 (मंगलवार) को दोपहर 1.07 बजे आरंभ होगी। इसका समापन अगले दिन 31 मई 2023 (बुधवार) को दोपहर 1.45 बजे होगा। हिंदू धर्म में उगते सूर्य की मान्यता होने के कारण निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई को ही किया जाएगा। यह भी पढ़ें: आज ही करें वटवृक्ष का यह उपाय, हनुमानजी पूरी करेंगे हर इच्छा

निर्जला एकादशी के उपाय (Nirjala Ekadashi 2023)

इस बार निर्जला एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग तथा रवि योग भी बन रहे हैं जो इसे अत्यन्त शुभ मुहूर्त बना रहे हैं। इस दिन गायत्री जयंती भी है। इस दिन पूरी तरह भोजन और जल त्याग कर व्रत किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस व्रत से व्यक्ति के समस्त पापों का नाश हो जाता है। ऐसे में यदि एकादशी के उपाय करने से विशेष लाभ होगा। आचार्य अनुपम जौली से जानिए निर्जला एकादशी के उपायों के बारे में
  • निर्जला एकादशी पर किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी की प्याऊ लगवाएं। यदि ऐसा संभव न हो तो पक्षियों तथा पशुओं के लिए पीने के पानी की व्यवस्था करें। इससे अनंत पुण्य मिलेगा।
  • एकादशी पर भगवान शिव का अभिषेक कर चंदन का लेप करना चाहिए। साथ ही उन्हें बिल्व पत्र, नारियल, सफेद पुष्प तथा नैवेद्य अर्पित करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • अपनी सामर्थ्य के अनुसार किसी गरीब अथवा भिखारी को मौसमी फल, पंखा, कपड़े अथवा अनाज आदि का दान करें। यदि जन्मकुंडली में कोई ग्रह अशुभ फल दे रहा हो तो वह भी इस उपाय से शुभ बन जाएगा।
  • निर्जला एकादशी पर कुष्ठ रोगियों की सेवा करनी चाहिए। अपनी सामर्थ्यानुसार उनकी सहायता करें, उन्हें भोजन, दवा, वस्त्र आदि प्रदान करें। यह उपाय जन्मकुंडली में अशुभ चल रहे राहु, केतु और शनि ग्रह को भी शुभ फल देने के लिए विवश कर देता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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