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अद्भुत है मां काली का स्वरूप, छिपे हैं कई स्वरूप

Maa Kali: शास्त्रों में मां भगवती काली को महाकाल की शक्ति कहा गया है। वह अनंत, अपरिमित और अनादि हैं। उन्हीं की कृपा मात्र से भगवान शिव इस पूरे ब्रह्मांड का संचालन और नियमन करते हैं। उनका भयानक स्वरूप ही मानव मात्र के मन में भय भर देता है। जिस भी भक्त पर उनकी कृपा […]

Maa Kali: शास्त्रों में मां भगवती काली को महाकाल की शक्ति कहा गया है। वह अनंत, अपरिमित और अनादि हैं। उन्हीं की कृपा मात्र से भगवान शिव इस पूरे ब्रह्मांड का संचालन और नियमन करते हैं। उनका भयानक स्वरूप ही मानव मात्र के मन में भय भर देता है। जिस भी भक्त पर उनकी कृपा हो जाती है, वह समस्त ब्रह्मांड को अपने वश में कर सकता है, वह सृष्टि में मनचाही उथल-पुथल मचा सकता है। यह भी पढ़ें: यकीन मानना सही विधि से पढ़ी गई हनुमान चालीसा आप को सिद्ध कर देगी

मां काली के विचित्र स्वरूप में छिपे हैं कई रहस्य (Maa Kali Swaroop)

ज्योतिषाचार्य पंडित रामदास के अनुसार मां काली के विचित्र स्वरूप में कई अद्भुत रहस्य छिपे हुए हैं। उनके स्वरूप के प्रत्येक अंग-प्रत्यंग का दार्शनिक अर्थ है जो उनके वास्तविक स्वरुप को दर्शाता है। उनका नीला काला वर्ण आकाश तत्व का प्रतीक है जो सम्पूर्ण चराचर जगत को धारण करने वाला है। उनके गले में 50 मुंडों की माला है जो 50 संस्कृत वर्णों को बताती हैं।

भक्तों के समस्त कर्मों और प्रारब्ध का नाश करती हैं मां काली

उनके तीन नेत्र अग्नि के तीन स्वरूप, सूर्य, चन्द्रमा और अग्नि को दर्शाते हैं। उनकी कमर में कटे हुए हाथों से बनी माला है जो किसी व्यक्ति के समस्त कर्म तथा प्रारब्ध का नाश होकर उसकी मोक्ष प्राप्ति को बताती है। वह अंधकार में रहती है, शास्त्रों में विचारशून्यता को अंधकार भी कहा गया है। यही वह स्थिति होती है जब भक्त सांसारिक द्वेष और क्लेशों से मुक्त हो जाता है। भगवान शिव उनके चरणों के नीचे हैं जो बताता है कि वह सर्वोच्च शक्ति हैं और एक बार क्रोधित होने पर स्वयं महादेव के अतिरिक्त उन्हें अन्य कोई शांत नहीं कर सकता है। यह भी पढ़ें: जन्मकुंडली में अशुभ मंगल कर देता है सब चौपट! तुरंत करें ये उपाय मां काली श्मशान निवासिनी हैं। यही वह स्थान है जहां व्यक्ति के समस्त दुख, दुख और रोग, शोक नष्ट हो जाते हैं। जहां भक्त का अहंकार नष्ट हो जाता है और वह ईश्वरीय कृपा का पात्र बन जाता है। उनका एक हाथ अभय मुद्रा में है जो उनके भक्तों को समस्त प्रकार के भय से मुक्त करता है। दूसरा हाथ वरद मुद्रा में है जो बताता है कि वह अपने भक्तों को वरदान देने के लिए सदैव तत्पर रहती हैं। डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।


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