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ज्योतिष

Love Marriage Yoga: क्या आपकी कुंडली में भी है लव मैरिज के योग? ये ग्रह कराते हैं प्रेम विवाह

Love Marriage Yoga in Kundali: भारतीय ज्योतिषशास्त्र में कुंडली से किसी व्यक्ति के जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे करियर, स्वास्थ्य, विवाह आदि की संभावनाओं का पता लगाया जाता है। विशेष रूप से, लव मैरिज के योग को कुंडली देखकर समझ सकते हैं। आइए जानते हैं, कुंडली के वे योग और संकेत, जो बताते हैं कि किसी व्यक्ति का विवाह प्रेमविवाह होगा या नहीं?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 27, 2025 12:54
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Love Marriage Yoga in Kundali: जब बात दिल से दिल मिलने की हो, तो कुंडली में ग्रहों की चाल भी अहम भूमिका निभाती है। कुछ विशेष योग और ग्रहों की स्थिति यह बता सकती हैं कि व्यक्ति की शादी प्रेम विवाह होगी या पारंपरिक अरेंज। आइए जानते हैं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वे प्रमुख योग जो प्रेम विवाह की संभावना को बढ़ाते हैं।

पंचम भाव: प्रेम का असली ठिकाना

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कुंडली का पांचवां भाव प्रेम, रोमांस और आकर्षण का भाव होता है। यदि इस भाव में शुक्र, बुध या चंद्रमा जैसे सौम्य और प्रेम भाव रखने वाले ग्रह हों या इन पर शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो जातक के जीवन में प्रेम संबंध बनने और लव मैरिज होने की संभावना प्रबल हो जाती है।

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सप्तम भाव: विवाह और जीवनसाथी का कारक

कुंडली का सातवां भाव विवाह और लाइफ पार्टनर से जुड़ा होता है। यदि यह पांचवें भाव से जुड़ जाए, जैसे दोनों भावों के स्वामियों का एक-दूसरे की राशि में होना या दृष्टि संबंध होना, तो यह संकेत देता है कि प्रेम विवाह के योग मजबूत हैं।

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शुक्र: प्यार और आकर्षण का ग्रह

शुक्र, प्रेम, सौंदर्य और दांपत्य सुख का प्रतिनिधि ग्रह है। यदि शुक्र 5वें, 7वें या 11वें भाव में स्थित हो या अपनी उच्च राशि में हो और शुभ दृष्टि प्राप्त हो, तो व्यक्ति प्रेम में सफलता पाता है और लव मैरिज के योग बनते हैं।

राहु: परंपराएं तोड़ने वाला ग्रह

राहु एक ऐसा ग्रह है जो सीमाएं लांघने और परंपराओं से हटकर चलने का संकेत देता है। यदि राहु 5वें या 7वें भाव में हो और वहां शुक्र या चंद्रमा के साथ युति कर रहा हो, तो यह अंतरजातीय विवाह या समाज के विरुद्ध जाकर लव मैरिज का संकेत हो सकता है।

बुध-चंद्रमा का मेल

बुध जहां बुद्धि का प्रतीक है, वहीं चंद्रमा भावनाओं का। जब ये दोनों ग्रह कुंडली में शुभ स्थिति में मिलते हैं, तो जातक प्रेम में भी सोच-समझकर निर्णय लेता है, जिससे स्थिर और सफल प्रेम विवाह की संभावना बनती है।

इन भावों से जानें गुप्त प्रेम संबंधों का संकेत

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि कुंडली का 8वां या 12वां भाव, 5वें या 7वें भाव से जुड़ता है, तो यह गुप्त प्रेम संबंधों की ओर इशारा करता है, जो समय के साथ खुलकर सामने आते हैं और विवाह में बदल सकते हैं।

लव मैरिज की सफलता के लिए ज्योतिषीय उपाय

अगर आप चाहते हैं कि आपका प्रेम विवाह सफल हो, तो ये उपाय मदद कर सकते हैं:

  • शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनें और सुगंधित इत्र लगाएं।
  • चंद्रमा को शांत करने के लिए सोमवार को शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं और “ॐ चंद्राय नमः” का जाप करें।
  • साथ ही अपनी कुंडली का अनुभवी ज्योतिषी से विश्लेषण जरूर करवाएं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 27, 2025 12:43 PM

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