Grah Gochar: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी जातक की कुंडली में कई तरह के शुभ और अशुभ योग बनते रहते हैं। यह योग ग्रहों की स्थिति में बदलाव के कारण बनता है। बता दें कि जब कुछ एक दूसरे के साथ युति करते हैं या मिलन करते हैं तो शुभ राजयोग का भी निर्माण होता है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है तो उस जातक का जीवन खुशहाल हो जाता है। साथ ही धन-दौलत की कभी नहीं कमी होती है। आज इस खबर में जानेंगे कि मंगल और सूर्य की युति से कौन से राजयोग का निर्माण होता है। साथ ही कुंडली में इस राजयोग का क्या प्रभाव पड़ता है।
कुंडली में कैसे बनता है महापराक्रम राजयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में मंगल और सूर्य की युति होती है तो ऐसे में महापराक्रम राजयोग बनता है। बता दें कि कुंडली में पराक्रम राजयोग बनने से व्यक्ति के व्यक्तित्व में बदलाव होने लगता है। जिससे वह व्यक्ति पराक्रमी, साहसी और बलशाली भी बन जाता है। कुंडली में इस राजयोग बनने से दुश्मन भी डरने लगते हैं। आपको बता दें कि मंगल और सूर्य ग्रह दोनों ही अग्नि तत्व ग्रह माने जाते हैं। साथ ही दोनों ग्रह ऊर्जावान ग्रहों की श्रेणी में आती हैं।
महापराक्रम राजयोग बनने से लाभ
ज्योतिषियों के अनुसार, कुंडली में महापराक्रम राजयोग बनने से व्यक्ति साहसी, ऊर्जावान, निडर, बलवान, आत्मविश्वासी, ज्ञानी, और राजसी जैसा जीवन यापन करने लगता है। साथ ही व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलने लगती है। किसी भी कार्यों को करने में तनिक भी डर नहीं लगता है। ज्योतिषियों के अनुसार, महा पराक्रम योग बनने से व्यक्ति लोगों को नेतृत्व करने लगता है। साथ ही जीवन में भूमि संबंधित सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। जीवन खुशहाल बीतने लगता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय पर सलाह लें।