Daily Horoscope: 4 जुलाई 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ राशियों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस दिन नवमी तिथि शाम 4:31 बजे तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी। चित्रा नक्षत्र शाम 4:50 बजे तक रहेगा, फिर स्वाती नक्षत्र लगेगा। शिव योग शाम 7:36 बजे तक रहेगा, इसके बाद सिद्ध योग शुरू होगा। कौलव करण शाम 4:31 बजे तक रहेगा, फिर तैतिल करण लग जाएगा।
ग्रहों की स्थिति में चंद्रमा तुला राशि में रहेंगे, जो संतुलन और संबंधों पर बल देता है। शुक्र वृषभ राशि में अपनी में मजबूत स्थिति में रहेंगे, क्योंकि वृषभ शुक्र की अपनी राशि है। सूर्य और गुरु मिथुन राशि में बौद्धिकता और संचार को बढ़ावा देंगे। बुध कर्क राशि में भावनात्मक निर्णयों को प्रेरित करेगा। मंगल और केतु सिंह राशि में युति बनाएंगे, जो आक्रामकता या अचानक बदलाव ला सकता है। राहु कुंभ राशि में और शनि मीन राशि में लॉन्ग टर्म इफेक्ट डालेंगे। आइए जानते हैं कि 4 जुलाई का दिन किन राशि वालों के लिए अच्छा नहीं रहेगा और इसके लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं?
वृषभ राशि
शुक्र वृषभ राशि में अपनी स्वराशि में मजबूत स्थिति में हैं, जो सामान्य रूप से प्रेम और विलासिता के लिए अनुकूल है, लेकिन चंद्रमा का तुला राशि में होना और स्वाती नक्षत्र का प्रभाव मानसिक अस्थिरता या निर्णय लेने में उलझन पैदा कर सकता है। शाम 4:50 बजे तक चित्रा नक्षत्र रचनात्मक कार्यों में रुकावटें ला सकता है, जबकि मंगल और केतु की युति चौथे भाव में भावनात्मक तनाव, पारिवारिक कलह या स्वास्थ्य से संबंधित छोटी-मोटी परेशानियां जैसे सिरदर्द या थकान का कारण बन सकती है। नवमी तिथि के दौरान महत्वपूर्ण निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है और शाम 4:31 बजे के बाद तैतिल करण मानसिक बेचैनी बढ़ा सकता है। इसके प्रभाव में कार्यस्थल पर असमंजस, रिश्तों में तनाव, या मामूली स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय: मां लक्ष्मी की पूजा करें और सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
कर्क राशि
बुध के कर्क राशि में होने से भावनात्मक निर्णय लेने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है और चंद्रमा का तुला राशि में चौथे भाव में होना पारिवारिक या घरेलू मामलों में अस्थिरता ला सकता है। स्वाती नक्षत्र का प्रभाव अनिश्चितता और बेचैनी को बढ़ा सकता है, जबकि दूसरे भाव में मंगल और केतु की युति फाइनेंशियल रिस्क, वाणी में तीखापन या परिवार के साथ गलतफहमी पैदा कर सकती है। नवमी तिथि और शाम 4:31 बजे के बाद तैतिल करण के दौरान भावनात्मक तनाव बढ़ सकता है। इसके प्रभाव से परिवार या दोस्तों के साथ गलतफहमी, फाइनेंशियल डिसीजन्स में गलतियां या मानसिक तनाव की संभावना है।
उपाय: दूध और चावल से बनी खीर का दान करें और ‘ॐ सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
वृश्चिक राशि
चंद्रमा तुला राशि में होने से आपके 12वें भाव को प्रभावित करेंगे। इससे खर्चों, मानसिक तनाव या छिपी चिंताओं में वृद्धि हो सकती है। स्वाती नक्षत्र का प्रभाव अचानक बदलाव या अनिश्चितता ला सकता है और मंगल और केतु की युति दसवें भाव में करियर या सामाजिक स्थिति में अचानक रुकावटें पैदा कर सकती है। नवमी तिथि और तैतिल करण के दौरान मानसिक दबाव या स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव की संभावना है। इसके प्रभाव से कार्यस्थल पर तनाव, स्वास्थ्य समस्याएं जैसे अनिद्रा या थकान, या अनावश्यक खर्च हो सकते हैं।
उपाय: मंगल और केतु के प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें और लाल मसूर की दाल का दान करें।
मकर राशि
चंद्रमा का आपके दसवें भाव को प्रभावित करना, करियर या सामाजिक स्थिति में अस्थिरता आ सकता है। स्वाती नक्षत्र का प्रभाव निर्णय लेने में अनिश्चितता बढ़ा सकता है और आपके आठवें भाव में मंगल व केतु की युति जोखिम, छिपे हुए डर या अप्रत्याशित बदलाव का कारण बन सकती है। नवमी तिथि और तैतिल करण के दौरान जोखिम भरे कार्यों में सावधानी जरूरी है। इसके प्रभाव से नौकरी, व्यवसाय में रुकावट, मानसिक तनाव या स्वास्थ्य संबंधी छोटी समस्याएं जैसे जोड़ों में दर्द आदि हो सकता है।
उपाय: शनि की शांति के लिए काले तिल और सरसों के तेल का दान करें और ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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