Daily Horoscope: 2 जून 2025 का दिन ज्योतिषीय दृष्टिकोण से कुछ राशियों के लिए चुनौतियों से भरा हो सकता है। इस दिन सप्तमी तिथि शाम 8:34 बजे तक रहेगी, फिर अष्टमी तिथि शुरू होगी। मघा नक्षत्र रात 10:55 बजे तक रहेगा, इसके बाद पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र लगेगा। व्याघात योग सुबह 8:21 बजे तक रहेगा, फिर हर्षण योग शुरू होगा। करण में गर सुबह 8:11 बजे तक, फिर वणिज शाम 8:34 बजे तक और इसके बाद विष्टि करण रहेगा।
ग्रहों की स्थिति के अनुसार चंद्रमा और केतु सिंह राशि में, शुक्र मेष में, सूर्य और बुध वृषभ में, गुरु मिथुन में, मंगल कर्क में, राहु कुंभ में, और शनि मीन में रहेंगे। आइए जानते हैं कि ग्रहों और नक्षत्रों की इस चाल के कारण 2 जून का दिन किन राशियों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है और इन चुनौतियों से बचने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।
मिथुन राशि
चंद्रमा और केतु का सिंह राशि में होना आपके तृतीय भाव को प्रभावित करेगा, जो संचार, भाई-बहन और छोटी यात्राओं से जुड़ा है। इससे गलतफहमियां, यात्रा में रुकावट, या भाई-बहनों के साथ तनाव की स्थिति बन सकती है। मंगल का कर्क राशि में होना द्वितीय भाव को प्रभावित करता है, जिससे आर्थिक मामलों में सावधानी और अनावश्यक खर्च की आशंका रहेगी। शनि की मीन राशि में मौजूदगी 10वें भाव को प्रभावित करेगी, जिससे कार्यक्षेत्र में मेहनत के बावजूद देरी या सहकर्मियों के साथ मतभेद हो सकते हैं। इस दिन मानसिक अशांति, सिरदर्द या थकान की शिकायत रह सकती है।
उपाय: गणेश जी को लड्डू अर्पित करें और हरे मूंग की दाल का दान करें।
सिंह राशि
चंद्रमा और केतु का आपकी राशि के पहले भाव में प्रभाव पड़ेगा। इससे मानसिक तनाव, आत्मविश्वास में कमी, और भावनात्मक अस्थिरता की स्थिति बन सकती है। मंगल का कर्क राशि में होना 12वें भाव को प्रभावित करता है, जिससे अनावश्यक खर्च, गुप्त शत्रु, या नींद में परेशानी हो सकती है। शनि की मीन राशि में मौजूदगी अष्टम भाव को प्रभावित करती है, जिससे स्वास्थ्य में जोड़ों का दर्द या थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस दिन जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।
उपाय: सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
तुला राशि
चंद्रमा और केतु का सिंह राशि में गोचर आपके 11वें भाव को प्रभावित करेगा, जो आय, मित्र, और सामाजिक दायरे से जुड़ा है। इससे दोस्तों या सहकर्मियों के साथ गलतफहमियां या अपेक्षित लाभ में कमी हो सकती है। मंगल का कर्क राशि में होना 10वें भाव को प्रभावित करता है, जिससे कार्यक्षेत्र में अचानक चुनौतियां या बॉस के साथ तनाव की स्थिति बन सकती है। शनि का मीन राशि में होना छठे भाव को प्रभावित करता है, जिससे पेट या त्वचा संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
उपाय: शुक्र को प्रसन्न करने के लिए सफेद चंदन का तिलक लगाएं और दूध का दान करें।
धनु राशि
चंद्रमा और केतु का सिंह राशि में होना आपके नवम भाव को प्रभावित करेगा, जो भाग्य, धर्म, और लंबी यात्राओं से जुड़ा है। इससे यात्रा में बाधाएं, भाग्य का कम साथ, या धार्मिक कार्यों में रुकावट आ सकती है। मंगल का कर्क राशि में होना अष्टम भाव को प्रभावित करता है, जिससे स्वास्थ्य में अचानक समस्याएं जैसे चोट या तनाव की आशंका रहेगी। शनि का मीन राशि में होना चतुर्थ भाव को प्रभावित करेगा, जिससे पारिवारिक तनाव या माता के स्वास्थ्य को लेकर चिंता हो सकती है।
उपाय: गुरु को प्रसन्न करने के लिए पीले वस्त्र पहनें और चने की दाल का दान करें।
कुंभ राशि
चंद्रमा और केतु का सिंह राशि में गोचर आपके 7वें भाव को प्रभावित करेगा, जो वैवाहिक जीवन और साझेदारी से जुड़ा है। इससे जीवनसाथी या बिजनेस पार्टनर के साथ मतभेद और तनाव की स्थिति बन सकती है। राहु का आपकी राशि में होना और मंगल का कर्क राशि में होना छठे भाव को प्रभावित करता है, जिससे गुप्त शत्रु, स्वास्थ्य समस्याएं या कानूनी मामलों में सावधानी की जरूरत होगी। शनि का मीन राशि में होना द्वितीय भाव को प्रभावित करता है, जिससे आर्थिक मामलों में सतर्कता बरतनी होगी।
उपाय: शनि मंदिर में काले तिल और सरसों का तेल दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी शास्त्रों मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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