Chhath Puja 2023: छठ पूजा का प्रसाद क्यों मांगकर खाया जाता है? जानें कारण व महत्व
Chhath Puja 2023
Chhath Puja 2023: लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व 17 नवंबर दिन शुक्रवार से शुरू हो गया है। छठ महापर्व खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ महापर्व हिंदू धर्म का सबसे कठिन व्रत माना गया है क्योंकि इस व्रत में महिलाएं 36 घंटे तक निर्जला रहकर उपवास रखती हैं। छठ पर्व में शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है। छठ व्रत में कद्दू भात, खीर रोटी और ठेकुआ तीन तरह के प्रसाद पूजा के लिए बनाए जाते हैं। खास बात यह है कि छठ पर्व का प्रसाद लोग मांग कर खाते हैं। लेकिन लोगों को इसके बारे में खास पता नहीं होता है आखिर क्यों छठ का प्रसाद मांग कर खाया जाता है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि छठ का प्रसाद एक दूसरे से क्यों मांग कर खाया जाता है। आइए विस्तार से जानते हैं।
क्यों मांग कर खाया जाता है छठ महापर्व का प्रसाद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा में कई तरह के प्राकृतिक पकवान और मिठाई का महत्व होता है। ऐसे में छठ पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में सब्जी, फल और फूलों का सबसे अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा के प्रसाद को एक दूसरे से मांग कर इसलिए खाया जाता है क्योंकि छठ का प्रसाद मांग कर खाने से सूर्य देव और छठी मैया के प्रति आस्था प्रकट होती है। साथ ही छठी मैया और सूर्य देव का मान सम्मान बढ़ता है।
यह भी पढ़ें- ठेकुआ के बिना क्यों अधूरा माना जाता है छठ महापर्व, जानें इसका सूर्य देव से संबंध
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जो जातक छठ पर्व का प्रसाद एक दूसरे से मांग कर खाने से शरीर से दुर्गुण दूर हो जाते हैं। साथ ही छठी मैया और सूर्य भगवान भक्तों पर प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। इसलिए किसी भी जातक को छठ प्रसाद को मांगने में संकोच नहीं करना चाहिए। साथ ही यदि कोई प्रसाद बांट रहा होता है तो उसे मना नहीं करना चाहिए।
छठ प्रसाद के साथ भूलकर न करें ये गलतियां
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा के प्रसाद को मांग कर खाने से छठी मैया और सूर्य भगवान की कृपा हमेशा बनी रहती है। लेकिन वहीं जो जातक छठ प्रसाद को लेने से मना करते हैं, या फिर लेकर कहीं रख देते हैं, तो ऐसे में सूर्य भगवान और छठी मैया नाराज हो जाती है। कई लोग छठी मैया का प्रसाद लेकर अनजाने में इधर-उधर रख देते हैं लेकिन आपको बता दें कि ऐसा भूलकर भी नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से छठी मैया और प्रसाद का अपमान होता है।
यह भी पढ़ें- इस साल नवविवाहित और कन्याएं क्यों नहीं रख सकती हैं छठ का व्रत, जानें धार्मिक कारण
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।
Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world
on News24. Follow News24 and Download our - News24
Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google
News.