Chhath Puja 2023 Kharna Samagri List: छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय के साथ होती है। 2024 में छठ पूजा की शरुआत 17 नवंबर को नहाय-खाय के साथ हो रही है। नहाय-खाय को चार दिवसीय छठ व्रत का पहला दिन माना जाता है। इस दिन व्रती घर की साफ-सफाई के साथ-साथ खुद भी स्नान इत्यादि से निवृत होकर पूर्ण स्वच्छ वस्त्र धारण करते है। इसके अलावा दिन व्रती कद्दू-भात का सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। नहाय-खाय के अगले दिन खरना पूजा होती है। आइए जानते हैं खरना पूजा के लिए पूजन सामग्री क्या है और इसकी पूजा-विधि क्या है?
खरना पूजा-सामग्री
2 बांस की टोकड़ियां (छठी मैया का प्रसाद रखने के लिए), बांस या पीतल का सूप (अर्घ्य देने के लिए), एक लोटा साफ जल (सूर्य देव को जल-दूध अर्पित करने के लिए), पान के पत्ते, अक्षत (चावल) घी का दीया, सुपारी, सिंदूर, थाली,धूप, अगरबत्ती, सुथनी, शकरकंद, शहद, गेहूं या चावल का आटा, गुड़ (ठेकुआ-पूड़ी बनाने के लिए) गन्ने (पांच पत्तियों वाले), नींबू (बड़ा), फल (केला, नारंगी, सेब, सिंघाड़ा इत्यादि), मिठाइयां, जल युक्त नारियल।
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खरना पूजा विधि
खरना, छठ पूजा के दूसरे दिन को करते हैं। इस साल छठ पूजा का खरना 18 नवंबर, शनिवार को है। इस दिन व्रतधारी पुरुष या महिला सुबह जल्द उठकर स्नान इत्यादि से निवृत होकर खरना का प्रसाद बनाने और पूजन के लिए तैयार होती हैं। इस दिन व्रती महिलाएं गुड़ और चावल की खीर बनाती हैं। खरना का प्रसाद तैयार करने के बाद व्रती महिलाएं पूजन करती हैं। खरना पूजा करने के बाद व्रती महिलाएं प्रसाद के तौर पर खीर खुद भी ग्रहण करती हैं और परिवार के अन्य सदस्यों को भी देती हैं।
छठ पूजा 2023 तिथियां
17 नवंबर 2023- नहाय खाय
18 नवंबर 2023 -खरना
19 नवंबर 2023- डूबते सूर्य को अर्घ्य
20 नवंबर 2023- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य
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