Rudrabhishek: प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 18 फरवरी 2023 (शनिवार) को आ रहा है। इस दिन शनिवार होने के कारण शनि प्रदोष का व्रत भी रहेगा। ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किए गए उपायों का तुरंत फल प्राप्त होगा।
ज्योतिषी एम. एस. लालपुरिया के अनुसार यदि महाशिवरात्रि को रुद्राभिषेक किया जाए तो अनंत फल की प्राप्ति होती है। रुद्राभिषेक का अर्थ है- भगवान रुद्र का अभिषेक करना। इसमें भोलेनाथ को जल से स्नान कर उनका पूर्ण श्रृंगार किया जाता है। उनकी विशेष पूजा की जाती है और उनसे वर की याचना की जाती है।
यह भी पढ़ें: भगवान शिव की पूजा में ध्यान रखें ये बातें, नहीं तो हो जाएगा सर्वनाश
ऐसे किया जाता है रुद्राभिषेक (Rudrabhishek Ke Fayde)
इसमें किसी शुभ दिन और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का जल से अभिषेक किया जाता है। अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उसमें गंगाजल, गोदुग्ध अथवा अन्य वस्तुओं को मिलाया जाता है। अभिषेक के बाद पंचामृत से स्नान करवाया जाता है। तत्पश्चात् उनके मंत्रों का जप होता है। अंत में उनके क्षमायाचना कर वर देने की प्रार्थना की जाती है।
यह भी पढ़ें: महिलाओं के इस अंग का तिल खोल देता है उनके सारे राज
इसलिए किया जाता है रुद्राभिषेक
- जन्मकुंडली में कोई भी एक या अधिक ग्रह यदि अशुभ प्रभाव दे रहे हैं तो इसके असर से वह दूर हो जाता है।
- अखंड लक्ष्मी तथा सौभाग्य की प्राप्ति करने के लिए भी रुद्राभिषेक किया जाता है।
- कई बार असाध्य रोगों की शांति तथा उनसे मुक्ति पाने के लिए विद्वान ज्योतिषी भगवान रुद्र का अभिषेक करवाते हैं।
- निसंतान दंपति पुत्र की प्राप्ति की इच्छा से भी अभिषेक करवाते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।










