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Annapurna Jayanti: आज करें मां पार्वती की यह पूजा, हमेशा भरे रहेंगे घर के भंडार

Annapurna Jayanti: मार्गशीर्ष अथवा अगहन मास की पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। मां अन्नपूर्णा देवी पार्वती का ही एक अवतार हैं, जिन्होंने भक्तों के लिए अन्न प्रदान कर अकाल का नाश किया था। इस बार अगहन पूर्णिमा और और अन्नपूर्णा जयंती दोनों ही 7 दिसंबर 2022 (गुरुवार) के दिन मनाई जाएंगी। इस दिन […]

Edited By : Sunil Sharma | Dec 8, 2022 07:00
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Annapurna Jayanti: मार्गशीर्ष अथवा अगहन मास की पूर्णिमा पर अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। मां अन्नपूर्णा देवी पार्वती का ही एक अवतार हैं, जिन्होंने भक्तों के लिए अन्न प्रदान कर अकाल का नाश किया था। इस बार अगहन पूर्णिमा और और अन्नपूर्णा जयंती दोनों ही 7 दिसंबर 2022 (गुरुवार) के दिन मनाई जाएंगी। इस दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा करने से आद्यशक्ति प्रसन्न होती हैं और भक्तों की समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करती हैं।

देवी अन्नपूर्णा की पूजा के लिए बन रहे हैं ये शुभ मुहूर्त (Annapurna Jayanti Puja Muhurat)

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का आरंभ – 7 दिसंबर 2022, सुबह 8:01 बजे
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का समापन – 8 दिसंबर 2022, सुबह 9:37 बजे

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यदि शुभ मुहूर्त की बात करें तो आज पूरे दिन ही साध्य नामक शुभ योग बना हुआ है। सुबह 7.01 बजे से 8.19 बजे तक एवं दोपहर 4.06 बजे से सायं 5.24 बजे तक शुभ का चौघड़िया (Aaj ka Choghadiya) रहेगा। दोपहर 12.12 बजे से 2.48 बजे तक क्रमशः लाभ एवं अमृत का चौघड़िया रहेगा। सायं काल में 5.24 बजे से 7.06 बजे तक अमृत का चौघड़िया रहेगा। राहुकाल को टाल कर इन सभी मुहूर्तों में मां की पूजा की जा सकती है।

ऐसे करें देवी अन्नपूर्णा की पूजा (Annapurna Jayanti Puja Vidhi)

अन्नपूर्णा जयंती पर मां की पूजा करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठ कर स्नान करें। इसके बाद साफ, स्वच्छ धुले हुए वस्त्र पहन कर रसोई में जाएं। वहां पर चूल्हे की सफाई करें तथा पूरी रसोई में गंगाजल का छिड़काव करें। अब चूल्हे पर कुमकुम से स्वास्तिक बना कर उस पर चावल, फूल, धूप आदि अर्पित करें।

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इस तरह पूजा करने के बाद उस चूल्हे पर खीर अथवा हलवा बना लें। घर के मंदिर में मां पार्वती एवं भगवान भोलेनाथ की पूजा करें। उन्हें पुष्प, माला, चंदन तिलक, अक्षत आदि अर्पित करें। पूजा के अंत में उन्हें रसोई में बनाई गई खीर या हलवे का भोग चढ़ाएं। अंत में अन्नपूर्णा स्रोत का पाठ कर प्रसाद सभी में बांट दें। ध्यान रखें कि घर में बनने वाले प्रसाद को गरीबों और भिखारियों में भी बांटें। इस तरह देवी अन्नपूर्णा की पूजा पूर्ण होती है। कहा जाता है कि देवी अन्नपूर्णा की पूजा करने वाले भक्तों के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Dec 08, 2022 07:00 AM
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