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ज्योतिष

Aaj ka Panchang: आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर जानिए आज 27 जून के पंचांग का शुभ योग और राहु काल

Aaj Ka Panchang: आज 27 जून, 2025 को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। आइए जानते हैं, 27 जून का पंचांग क्या है, कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने वाला है, किस दिशा में यात्रा करना अशुभ है और आज का राहु काल कब से कब तक है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 27, 2025 06:08
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Aaj Ka Panchang 27 June 2025: आज 27 जून, 2025 को आषाढ़ माह का सत्रहवां दिन है और आज इस माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि  है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 13 घंटे 57 मिनट 28 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 10 घंटे 2 मिनट 50 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह ग्रीष्म ऋतु काल है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।

आइए जानते हैं, 27 जून के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज के राहु काल का समय क्या है?

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आज का पंचांग

तिथि

आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है, जो 27 जून की 11:19 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी।

द्वितीया तिथि एक नंदा तिथि है, जिसके स्वामी भगवान अग्निदेव हैं। इस तिथि का स्वभाव वृद्धिप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत नहीं है।

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नक्षत्र

आज दिन की शुरुआत पुनर्वसु नक्षत्र से होगी, जो 27 जून की 07:22 AM तक रहेगी है। यह एक शुभ नक्षत्र है। इसके बाद पुष्य नक्षत्र आरंभ होगी।

दिन/वार

आज दिन शुक्रवार है और आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।

योग

आज दिन की शुरुआत व्याघात योग से होगी, जो 27 जून की 09:10 PM तक व्याप्त रहेगी, यह शुभ योग नहीं है। इसके बाद हर्षण योग की शुरुआत होगी।

इसके साथ ही, आज सर्वार्थ सिद्धि योग जैसे विशेष योग बन रहे हैं। इससे यह दिन खास बन गया है। इस योग की अवधि को आप नीचे की शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।

करण

आज 11:19 AM तक कौलव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी, जो 27 जून की 12:17 AM व्याप्त रहेगा। इसके बाद गर करण शुरू होगा।

सूर्य-चंद्र गोचर

आज के पंचाग के उपर्युक्त इन पांच अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:

सूर्य गोचर: सूर्य मिथुन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी बुध ग्रह हैं।

चन्द्र गोचर: चंद्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी स्वयं चंद्रमा ही हैं।

शुभ-अशुभ काल

आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:05 AM से 04:45 AM

प्रातः सन्ध्या: 04:25 AM से 05:25 AM

अभिजित मुहूर्त: 11:56 AM से 12:52 PM

विजय मुहूर्त: 02:44 PM से 03:40 PM

गोधूलि मुहूर्त: 07:22 PM से 07:42 PM

सायाह्न सन्ध्या: 07:23 PM से 08:23 PM

अमृत काल: 12:24 AM, जून 28 से 01:57 AM, जून 28

निशिता मुहूर्त: 12:04 AM, जून 28 से 12:44 AM, जून 28

सर्वार्थ सिद्धि योग: 05:25 AM से 07:22 AM

आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:

राहुकाल: आज राहु काल 10:40 AM से 12:24 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।

यमगण्ड: 03:54 PM से 05:38 PM

गुलिक काल: 07:10 AM से 08:55 AM

दुर्मुहूर्त काल: 08:13 AM से 09:09 AM और 12:52 PM से 01:48 PM

विष घटी/वर्ज्य काल: 03:06 PM से 04:39 PM

27 जून 2025 के पर्व और त्योहार

आज आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है और आज दिन शुक्रवार है। हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।

जगन्नाथ रथ यात्रा 2025: जगन्नाथ रथ यात्रा आज, 27 जून से शुभारंभ हो रही है। इस दिव्य यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भव्य रथों पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं। हर वर्ष इस अवसर पर पुरी नगरी में लाखों श्रद्धालु एकत्र होते हैं और रथों को खींचने का परम सौभाग्य प्राप्त करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रथ यात्रा में भाग लेने और रथ को खींचने से जीवन के समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।

पंचांग का महत्व

पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफलता और समृद्धि की ओर मार्गदर्शन करने वाला एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुरूप चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियां अनुकूल बनाई जा सकती हैं।

पंचांग के पांच प्रमुख अंग

पंचांग के पांच मुख्य घटक होते हैं, जिनका ध्यान रखकर किए गए कार्यों में सफलता और समृद्धि की संभावना बढ़ जाती है। पंचांग एक ये घटक हैं: 

वार: यह सप्ताह के सातों दिनों का महत्व और उनका प्रभाव को बतलाता है।

तिथि: इसके अनुसार चंद्र मास के अनुसार दिन की गणना का पता चलता है।

नक्षत्र: यह विशिष्ट नक्षत्रों की स्थिति और उनके प्रभाव बतलाता है।

योग: इससे विशेष खगोलीय संयोगों का महत्व का पता चलता है।

करण: आधे तिथि का सूचक को करण कहा जाता है, जो कार्यों की शुभता को प्रभावित करता है।

शुभ कार्यों में पंचांग का महत्व: हिंदू संस्कृति में पंचांग के आधार पर शुभ कार्य किए जाते हैं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है। ये कार्य मुख्य रूप से हैं: विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा और अन्य मांगलिक कार्य।

पंचांग की जीवन में भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त जानने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह व्यक्ति की निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है, जिससे जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है। अतः पंचांग का अनुसरण करके हम अपने जीवन को अधिक सफल और समृद्ध बना सकते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 27, 2025 06:08 AM

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