Aaj Ka Panchang 21 february 2025: आज 21 फरवरी, 2025 को फाल्गुन माह का आठवां दिन है यानी आज इस माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 21 मिनट 30 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 37 मिनट 32 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह शिशिर ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण होकर गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 21 फरवरी के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11:57 AM तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरु हो जाएगी, जो पूरे दिन और रात रहेगी। अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिव हैं और यह एक जया तिथि है। हालांकि, इस तिथि का स्वभाव संघर्षपूर्ण होता है, लेकिन यह एक तिथि शुभ होती है।
नक्षत्र: आज 03:54 PM तक अनुराधा नक्षत्र व्याप्त रहेगी। इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र शुरू होगी। अनुराधा और ज्येष्ठा दोनों ही नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: आज शुक्रवार का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और दैत्यगुरु शुक्राचार्य को समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से धन संबंधी उपायों और शुक्र ग्रह की शांति के लिए शुभ माना जाता है।
योग: आज शाम के 11:59 AM तक व्याघात योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद हर्षण योग का असर कायम रहेगा। व्याघात एक अशुभ योग है, जबकि हर्षण योग शुभ माना गया है।
इसके साथ ही आज इन योगों का संयोग सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रहा है, जिसका समय आप नीचे शुभ मुहूर्त कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज के दिन 11:57 AM तक कौलव करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद तैतिल करण की शुरुआत होगी, जो 22 फरवरी को 12:43 AM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद गर करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: आज चंद्रमा वृश्चिक में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी मंगल ग्रह हैं।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:13 AM से 06:03 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:38 AM से 06:54 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:12 PM से 12:58 PM
विजय मुहूर्त: 02:28 PM से 03:14 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:13 PM से 06:39 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:16 PM से 07:31 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:54 AM से 03:54 PM
निशिता मुहूर्त: 12:09 AM, फरवरी 22 से 01:00 AM, फरवरी 22
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 11:10 AM से 12:35 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगंड: 03:25 PM से 04:50 PM
दुर्मुहूर्त काल: 09:10 AM से 09:56 AM और 12:58 PM से 01:43 PM
गुलिक काल: 08:19 AM से 09:44 AM
विष घटी/वर्ज्य काल: 09:55 PM से 11:38 PM
गंड मूल: 03:54 PM से 06:53 AM, फरवरी 22
21 फरवरी 2025 के पर्व और त्योहार
आज फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि है और दिन शुक्रवार है। आज जानकी जयंती है, जो फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष अष्टमी को मनायी जाती है। आज की तिथि में त्रेतायुग में मिथिला में माता सीता का जन्म राजा जनक के यहां हुआ था। इस जयंती को सीता अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।
शुक्रवार का व्रत: आज का दिन देवी लक्ष्मी, दुर्गा, पार्वती, संतोषी माता सहित सभी देवी स्वरूपों और शुक्र ग्रह को समर्पित माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है, क्योंकि वे धन, वैभव और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इसके साथ ही, इस दिन मां दुर्गा और मां संतोषी की उपासना और व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और सुख-शांति प्राप्त होती है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो जीवन को सफल और समृद्ध बनाने में मदद करता है। यह हमें ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की शिक्षा देता है, जिससे हम सही समय पर उचित निर्णय ले सकें। पंचांग के अनुसार कार्य करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
सबसे पहले, यह शुभ समय के चयन में सहायक होता है। विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत और यात्रा जैसे महत्वपूर्ण कार्य यदि सही मुहूर्त में किए जाएँ, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। इसके अलावा, पंचांग का ज्ञान हमारी निर्णय क्षमता को मजबूत करता है, जिससे जीवन अधिक सुव्यवस्थित और उन्नत बनता है। यह हमें खगोलीय और ज्योतिषीय संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है, जिससे हम ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ सामंजस्य स्थापित कर सकें और जीवन सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।