Aaj Ka Panchang 2 march 2025: आज 2 मार्च, 2025 को फाल्गुन माह का 18वां दिन है यानी आज इस माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। आज दिनमान यानी दिन की लंबाई 11 घंटे 36 मिनट 27 सेकंड की है, जबकि रात्रिमान 12 घंटे 22 मिनट 29 सेकंड की होगी। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह वसंत ऋतु है और सूर्य वर्तमान में उत्तरायण में गोचर कर रहे हैं।
आइए जानते हैं, 2 मार्च के पंचांग के पांचों अंग यानी तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण की क्या स्थितियां हैं? आज का कौन-सा समय आपके लिए शुभ सिद्ध होने के योग दर्शा रहा है और आज का राहु काल का समय क्या है?
आज का पंचांग
तिथि: आज फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है, जो 2 मार्च के 09:01 PM तक रहेगी। इसके बाद चतुर्थी तिथि शुरु हो जाएगी। तृतीया तिथि एक जया तिथि है, जिसकी स्वामिनी मां गौरी हैं और इस दिन का स्वभाव शक्तिप्रद होता है। यह तिथि शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है।
नक्षत्र: आज 08:59 AM तक उत्तराभाद्रपद नक्षत्र व्याप्त रहेगी। इसके बाद रेवती नक्षत्र शुरू होगी, जो 3 मार्च की 06:39 AM कायम रहेगी। इसके बाद अश्विनी नक्षत्र की शुरुआत होगी। उत्तराभाद्रपद और रेवती दोनों ही नक्षत्र शुभ मुहूर्तों में स्वीकृत है, इसलिए यह सभी प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम माने गए हैं।
दिन/वार: आज रविवार का दिन सूर्यदेव को समर्पित है, जिन्हें नवग्रहों का स्वामी माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से विशेष लाभ और फल की प्राप्ति होती है।
योग: आज 12:39 PM तक शुभ योग व्याप्त रहेगा। इसके बाद शुक्ल योग की शुरुआत जो जाएगी। शुभ और शुक्ल ये दोनों ही योग शुभ योग हैं।
इसके साथ ही आज सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं, जिससे यह दिन खास बन गया है। इस योग की अवधि को आप नीचे शुभ योग की कैटेगरी में देख सकते हैं।
करण: आज 10:35 AM तक तैतिल करण का प्रभाव रहेगा, इसके बाद गर करण की शुरुआत होगी, जो 2 मार्च के 09:01 PM तक व्याप्त रहेगी। इसके बाद वणिज करण आरंभ हो जाएगा।
सूर्य-चंद्र गोचर
आज के पंचाग के उपर्युक्त इन 5 अंगों के साथ ही आज सूर्य और चंद्र गोचर की स्थिति इस प्रकार रहने के योग हैं:
सूर्य गोचर: सूर्य कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं, जो शनि ग्रह के स्वामित्व वाली राशि है।
चन्द्र गोचर: चंद्रमा आज मीन राशि में गोचर कर रहे हैं, जिसके स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस राशि में वे 3 मार्च की 06:39 AM तक रहेंगे और फिर मेष राशि में गोचर कर जाएंगे।
शुभ-अशुभ काल
आज शुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
ब्रह्म मुहूर्त: 05:06 AM से 05:56 AM
प्रातः सन्ध्या: 05:31 AM से 06:45 AM
अभिजित मुहूर्त: 12:10 PM से 12:57 PM
विजय मुहूर्त: 02:29 PM से 03:16 PM
गोधूलि मुहूर्त: 06:19 PM से 06:44 PM
सायाह्न सन्ध्या: 06:22 PM से 07:36 PM
अमृत काल: 04:29 AM, मार्च 03 से 05:55 AM, मार्च 03
निशिता मुहूर्त: 12:08 AM, मार्च 03 से 12:58 AM, मार्च 03
सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:45 AM से 08:59 AM और 06:39 AM, मार्च 03 से 06:44 AM, मार्च 03
रवि योग: 08:59 AM से 06:39 AM, मार्च 03
आज अशुभ मुहूर्तों की स्थितियां इस प्रकार रहने के योग हैं:
राहुकाल: आज राहु काल 04:55 PM से 06:22 PM तक रहने का योग है। हिन्दू धर्म में इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य आरंभ करने की मनाही है।
यमगण्ड: 12:33 PM से 02:00 PM
गुलिक काल: 03:27 PM से 04:55 PM
विष घटी/वर्ज्य काल: 07:49 PM से 09:16 PM
दुर्मुहूर्त काल: 04:49 PM से 05:35 PM
गण्ड मूल: 08:59 AM से 06:44 AM, मार्च 03
पंचक: 06:45 AM से 06:39 AM, मार्च 03
2 मार्च 2025 के पर्व और त्योहार
आज दिन रविवार है और यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और इसे ग्रहों के स्वामी और धरती पर ऊर्जा और प्रकाश में महान स्रोत भगवान सूर्य को समर्पित माना जाता है। रविवार के दिन सूर्यदेव की उपासना करने से मान-सम्मान, स्वास्थ्य और ऊर्जा में वृद्धि होती है।
रविवार के दिन सूर्यदेव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं और नवग्रहों की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। रविवार का व्रत रखने से आत्मसंयम और आंतरिक शुद्धि में वृद्धि होती है। इस दिन दान करने से पुण्य फल मिलता है और सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सुख-समृद्धि तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार बना रहता है।
आज की यात्रा टिप्स: आज पश्चिम दिशा में दिशाशूल होने के कारण, आपातकाल को छोड़कर आज इस दिशा में यात्रा करना शुभ नहीं है।
पंचांग का महत्व
पंचांग केवल तिथियों और त्योहारों का कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह जीवन को सफल और समृद्ध बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। यह ब्रह्मांड की प्राकृतिक लय और खगोलीय घटनाओं के अनुसार चलने की प्रेरणा देता है, जिससे समय और परिस्थितियाँ अनुकूल बनाई जा सकती हैं। पंचांग के पाँच प्रमुख अंग- वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण का ध्यान रखकर यदि महत्वपूर्ण कार्य किए जाएं, तो सफलता और समृद्धि के अवसर बढ़ जाते हैं। हिंदू संस्कृति में शुभ कार्यों जैसे कि विवाह, गृह प्रवेश, व्यवसाय की शुरुआत, यात्रा आदि। इन कार्यों को पंचांग के अनुसार करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है और इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
जीवन में पंचांग की भूमिका: पंचांग केवल शुभ मुहूर्त बताने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी निर्णय क्षमता को भी सुदृढ़ करता है। यह प्रकृति और ब्रह्मांड की ऊर्जा के साथ संतुलन स्थापित करने में सहायक होता है। इससे व्यक्ति के जीवन में शांति, समृद्धि और सकारात्मकता का संचार होता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।